वॉशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पारस्परिक पहुंच के तिब्बत अधिनियम के तहत चीनी अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.
पोम्पिओ ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'आज मैं पीआरसी (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के उन अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध की घोषणा करता हूं, जो तिब्बत में विदेशियों की पहुंच को रोकने का काम कर रहे हैं. हम लगातार चाहते हैं कि हमारे संबंधों में पारस्परिकता बनी रहे.'
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का ट्वीट. उन्होंने एक बयान में कहा कि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जान बूझकर लगातार रोकता रहा है जबकि दूसरी ओर इसके किसी अधिकारियों एवं नागरिकों के अमेरिका में आने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है.
पोम्पिओ ने कहा कि इसी तरह वह चीन की सरकार तथा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उन अधिकारियों पर वीजा पाबंदी की घोषणा कर रहे हैं, जो तिब्बती इलाकों में विदेशियों के प्रवेश से संबंधित नीतियां बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के काम में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उनका यह कदम 'रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट (तिब्बत में पारस्परिक पहुंच कानून), 2018' के अनुरूप है.
उन्होंने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे मानवाधिकार हनन और एशिया की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों के निकट हो रही पर्यावरणीय क्षति को रोकने में बीजिंग की विफलता को देखते हुए तिब्बती इलाकों तक पहुंच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है.
पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका वहां सतत आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण को गति देने, चीन तथा बाहर तिब्बती समुदायों की मानवीय स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करता रहेगा.
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उन्होंने कहा, 'हम तिब्बति लोगों की सार्थक स्वायत्तता के लिए, उनके बुनियादी तथा अहस्तांतरणीय मानवाधिकारों के लिए, उनके विशिष्ट धर्म, संस्कृति और भाषायी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. सही मायनों में पारस्परिकता के लिए लिए हम अमेरिकी कांग्रेस के साथ मिलकर काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी लोगों की टीएआर तथा अन्य तिब्बती इलाकों समेत चीन के सभी क्षेत्रों में पूर्ण पहुंच हो.'
विदेश मंत्रालय ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 में तिब्बती मुद्दों की खातिर 1.7 करोड़ डॉलर के कोष तथा तिब्बती मुद्दों पर विशेष समन्वयक के लिए दस लाख डॉलर का प्रस्ताव दिया है.