नई दिल्ली : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने कहा है कि देश के प्रथम वर्चुअल स्कूल की शुरूआत पिछले साल केंद्र सरकार ने की थी, ना कि बुधवार को दिल्ली सरकार ने इसकी पहली बार शुरूआत की है. एनआईओएस ने कहा, 'भारत के प्रथम वर्चुअल स्कूल की शुरूआत किये जाने के दावे के बारे में कुछ खबरों के संदर्भ में सूचित किया जाता है कि देश के प्रथम वर्चुअल स्कूल की शुरुआत पिछले साल अगस्त में ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री कर चुके हैं.'NIOS started First Virtual School.
एक समाचार एजेंसी को गुरुवार को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सरोज शर्मा ने बताया कि हमने इसकी शुरुआत की थी, और 25 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन भी कराया है. उन्होंने कहा कि अभी तीसरा सत्र चालू है. उन्होंने कहा कि लद्दाख से कन्याकुमारी तक हमने 7000 से अधिक स्टडी सेंटर खोले हैं. उनके अनुसार एनआईओएस में रजिस्टर्ड सभी छात्र बाय डिफॉल्ट ही वर्चुअसल स्कूल के छात्र हैं. उन्होंने कहा कि हर छात्र के पास डैशबोर्ड है. उन्होंने यह भी कहा कि हमने एक डिजिटल लाइब्रेरी, दीप, भी इसमें जोड़ा है. यहां पर कोर्स का पूरा कंटेंट उपलब्ध है. हम 75 अलग-अलग कोर्सेस उपलब्ध करवा रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि हमने जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कथन देखा, कि उन्होंने देश में पहली बार वर्चुअल स्कूल की शुरुआत की, तो थोड़ा चौंक गई. उन्होंने कहा कि मैं एक शिक्षाविद हूं, इसलिए केजरीवाल ने किस परिप्रेक्ष्य में इसे देश का पहला वर्चुअल क्लास बताया है, जानना होगा. हां, दिल्ली सरकार को अगर इस फील्ड में मदद चाहिए, तो हम उनकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास इसका अनुभव हैं. जो भी छात्र 10वीं और 12वीं में अपियर हो रहे हैं, एनआईओएस उन्हें वर्चुअल क्लास उपलब्ध करवाता है. यह नौंवी से 12वीं का कोर्स उपलब्ध करवाता है.