नई दिल्ली :देश में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में यदि आपको लग रहा है कि जल्द ही संक्रमण के मामलों में कमी आ जाएगी, तो गलत हैं. हकीकत यह है कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक हो रही है.
कोरोना के बढ़ते मामले के बीच आईआईटी वैज्ञानिकों द्वारा तैयार एक गणितीय मॉड्यूल के अनुसार भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर 11-15 मई के बीच 33-35 लाख कुल सक्रिय मामलों के साथ अपने चरम पर होगी. वहीं, मई के अंत तक आंकड़ों में तेजी से गिरावट की संभावना है.
इस बीच देश भर में कोरोना वायरस से विकराल रूप इखितयार करता जा रहा है. हर दिन कोरोना नए रिकॉर्ड बना रहा है..
बता दें कि एसआईआर मॉडल का उपयोग करते हुए, IIT कानपुर के तीन प्रोफेसरों-राजेश रंजन, वैमानिकी इंजीनियरिंग विभाग से आर्यन शर्मा और महेंद्र के वर्मा दोनों ने संस्थान के भौतिकी विभाग से 17 अप्रैल, 2021से 27 फरवरी, 2021 के बीच घटना के आंकड़ों का अध्ययन किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि भारत में स्थिति बहुत गंभीर है.
गौरतलब है कि इस तरह के अध्ययनों से अनुमानों की सटीकता भी डेटा के गुणात्मक और मात्रात्मक पहलुओं पर निर्भर है. दूसरी लहर के लक्षण वर्णन के बाद अध्ययन को समझने के लिए गणितीय और महामारी विज्ञान मॉडल को नियोजित किया.
अध्ययन बताता है कि चिंता की बात यह है कि वायरस का प्रसार ग्रामीण तक हो चुका है डेटा से पता चलता है कि दूसरी लहर ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच गई है, जिससे इन क्षेत्रों में खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के आधार पर तबाही मचेगी.
भारत में पहली और दूसरी लहरों के बीच लगभग 5 महीने अंतराल है. पहली लहर का चरम सितंबर 2020 में लगभग 1 लाख के दैनिक मामलों के साथ हुआ था. फरवरी के मध्य तक दैनिक मामलों में कमी आई जिसके बाद इसने एक बार फिर तेजी दिखाई.
पहली लहर के अंत में कई फैक्टर का संयोजन था. इसमें सरकारी हस्तक्षेपों का प्रभावी कार्यान्वयन, जागरूकता में वृद्धि, और, सबसे महत्वपूर्ण बात शुरुआती महीनों में बीमारी के इलाज में चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्राप्त अनुभव शामिल था.