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मई मे कोरोना होगा ज्यादा विकराल, 35 लाख लोग होंगे संक्रमित: आईआईटी

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Published : Apr 23, 2021, 4:56 PM IST

Updated : Apr 24, 2021, 1:39 PM IST

कोरोना के बढ़ते मामले के बीच आईआईटी वैज्ञानिकों द्वारा तैयार एक गणितीय मॉड्यूल के अनुसार भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर 11-15 मई के बीच 33-35 लाख कुल सक्रिय मामलों के साथ अपने चरम पर हो सकती है और मई के अंत तक तेजी से गिरावट सकती है. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की यह रिपोर्ट.

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नई दिल्ली :देश में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में यदि आपको लग रहा है कि जल्द ही संक्रमण के मामलों में कमी आ जाएगी, तो गलत हैं. हकीकत यह है कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्‍यादा खतरनाक हो रही है.

कोरोना के बढ़ते मामले के बीच आईआईटी वैज्ञानिकों द्वारा तैयार एक गणितीय मॉड्यूल के अनुसार भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर 11-15 मई के बीच 33-35 लाख कुल सक्रिय मामलों के साथ अपने चरम पर होगी. वहीं, मई के अंत तक आंकड़ों में तेजी से गिरावट की संभावना है.

इस बीच देश भर में कोरोना वायरस से विकराल रूप इखितयार करता जा रहा है. हर दिन कोरोना नए रिकॉर्ड बना रहा है..

बता दें कि एसआईआर मॉडल का उपयोग करते हुए, IIT कानपुर के तीन प्रोफेसरों-राजेश रंजन, वैमानिकी इंजीनियरिंग विभाग से आर्यन शर्मा और महेंद्र के वर्मा दोनों ने संस्थान के भौतिकी विभाग से 17 अप्रैल, 2021से 27 फरवरी, 2021 के बीच घटना के आंकड़ों का अध्ययन किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि भारत में स्थिति बहुत गंभीर है.

गौरतलब है कि इस तरह के अध्ययनों से अनुमानों की सटीकता भी डेटा के गुणात्मक और मात्रात्मक पहलुओं पर निर्भर है. दूसरी लहर के लक्षण वर्णन के बाद अध्ययन को समझने के लिए गणितीय और महामारी विज्ञान मॉडल को नियोजित किया.

अध्ययन बताता है कि चिंता की बात यह है कि वायरस का प्रसार ग्रामीण तक हो चुका है डेटा से पता चलता है कि दूसरी लहर ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच गई है, जिससे इन क्षेत्रों में खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के आधार पर तबाही मचेगी.

भारत में पहली और दूसरी लहरों के बीच लगभग 5 महीने अंतराल है. पहली लहर का चरम सितंबर 2020 में लगभग 1 लाख के दैनिक मामलों के साथ हुआ था. फरवरी के मध्य तक दैनिक मामलों में कमी आई जिसके बाद इसने एक बार फिर तेजी दिखाई.

पहली लहर के अंत में कई फैक्टर का संयोजन था. इसमें सरकारी हस्तक्षेपों का प्रभावी कार्यान्वयन, जागरूकता में वृद्धि, और, सबसे महत्वपूर्ण बात शुरुआती महीनों में बीमारी के इलाज में चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्राप्त अनुभव शामिल था.

अध्ययन कहता है कि अपेक्षाकृत लंबे कूलिंग समय के बाद नवीनतम वृद्धी के लिए लोगों की लापरवाही और हस्तक्षेप की छूट को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.

दैनिक मौतों की संख्या भी हाल ही में बढ़ रही है, लेकिन पहली लहर की तुलना में सीएफआर कम है.

केस फैटलिटी रेट (सीएफआर) प्रति संक्रमण मौतों की संख्या को संदर्भित करता है.

हालांकि दूसरी लहर वायरस को अधिक संक्रामक दिखाती है, सीएफआर वक्र में गिरावट अपेक्षाकृत कम घातक होने का सुझाव देती है.

हालांकि, बहुत अधिक दर पर मामलों की तेजी से वृद्धि को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि जल्द ही स्वास्थ्य असुविधाओं को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा. इस महामारी के कारण अस्पताल की बेड और वेंटिलेटर की अनुपलब्धता जैसी गंभीर आवश्यकताएं सामने आई हैं

अध्ययन के मुताबिक दूसरी लहर का प्रसार पहली लहर की तुलना में बहुत तेज है. इसलिए, महामारी के तेजी से विकास को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

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बीते बुधवार को कोरोना के तीन लाख 14 हजार 835 नए संक्रमित मिले, जो दुनिया में एक दिन में किसी भी देश में आने वाले सबसे अधिक मामले थे. इससे पहले अमेरिका में 8 जनवरी, 2021 को 3 लाख 07 हजार 570 नए संक्रमित मिले थे, लेकिन अब इस मामले में भारत ने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है.

Last Updated : Apr 24, 2021, 1:39 PM IST

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