मुंबई:साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने हाल ही में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं. अल्लू अर्जुन की पुष्पा हो या जूनियर एनटीआर-रामचरण की आरआरआर या आप बाहुबली को ही ले लें. इन फिल्मों के साथ ही अन्य कई सुपरहिट फिल्मों ने जहां दर्शकों को गदगद कर दिया वहीं, बॉलीवुड को इनमें से कई फिल्मों की हिंदी रीमेक पर भी मजबूर कर दिया. हालांकि, हिंदी फिल्मों ने निराशा की जगह कुछ नहीं दिया. साउथ में फिल्में जहां धमाकेदार और जबरदस्त कमाई करने वाली रहीं, वहीं बॉलीवुड में यह फिल्में औंधे मुंह गिर गईं और इनका हाल बेहाल हो गया.
यंगिस्तान 2014 (लीडर): हिंदी भाषा की राजनीतिक फिल्म है, जिसमें जैकी भगनानी, नेहा शर्मा और फारूक शेख हैं. यह फिल्म तेलुगू फिल्म लीडर (2010) की रीमेक है, जिसमें राणा दग्गुबाती और ऋचा गंगोपाध्याय स्टार थे. कहानी अर्जुन प्रसाद (दग्गुबती) का अनुसरण करती है, जो उसका उत्तराधिकारी होता है. साउथ फिल्म जहां हिट रही वहीं, दूसरी ओर यंगिस्तान को बेहद खराब प्रतिक्रिया मिली.
तेवर 2015 (ओक्कडू) : 2015 में बनी हिंदी की एक्शन फिल्म है, जो 2003 की तेलुगू फिल्म ओक्कडू की रीमेक है. रीमेक में अर्जुन कपूर-सोनाक्षी सिन्हा के साथ विलेन के रूप में मनोज बाजपेयी भी हैं. वहीं ओक्कडू में महेश बाबू, भूमिका चावला के साथ प्रकाश राज दिखाई देते हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी. तेवर ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया बॉक्स ऑफिस पर और न ही इसे जनता या आलोचकों से अनुकूल समीक्षा मिली. वहीं महेश बाबू इस फिल्म से रातों रात बन गए थे और इस फिल्म ने कई सम्मान जीते.
ओके जानू: मणिरत्नम की तमिल फिल्म ओ कधल पर आधारित 2017 की रोमांटिक ड्रामा फिल्म है. रीमेक में आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर नजर आए थे, जबकि मूल फिल्म में सलमान दुल्कर और निथ्या मेनन ने अभिनय किया, जिसमें एक दर्शाया गया है कि युवा जोड़ा मुंबई में लिव-इन रिलेशनशिप में है. मूल फिल्म को बेहतरीन समीक्षाएं मिलीं थीं, वहीं रीमेक फ्लॉप रही.