नई दिल्लीःअपहरण एवं लूट के मामले (delhi kidnapping and robbery cases) में दो साल से फरार चल रहे बदमाश को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान राकेश के रूप में की गई है. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. वहीं, पुलिस की तरफ से उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. इस मामले में दो अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं.
डीसीपी मनोज. सी के अनुसार, 26 मई 2019 को एक युवक अपनी पत्नी के साथ आनंद विहार बस अड्डे पर मौजूद था. वह सराय काले खां जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे. उसी दौरान उनके पास दो लोग आए, जिनमें से एक ने खुद को फौजी बताया. उसी दौरान वहां पर एक कार पहुंची. दंपती को युवकों ने गाड़ी में जबरन बिठा दिया. रास्ते में उनसे नगदी एवं गहने लूट लिए गए और उन्हें मयूर विहार इलाके में छोड़कर बदमाश फरार हो गए. उसी दौरान पीसीआर वैन गश्त कर रही थी. पीड़ितों की चिल्लाने की आवाज सुनकर उनमें से एक बदमाश रोहित शर्मा को पकड़ने में पुलिस कामयाब रही, जबकि अन्य आरोपी फरार हो गए थे.
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इस वारदात को लेकर मयूर विहार थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में रोहित के अलावा अतुल को लोकल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं तीन अन्य आरोपी राकेश, देवेंद्र प्रताप उर्फ महेंद्र फौजी और मनोज कुमार फरार चल रहे थे. इन्हें अदालत द्वारा मार्च 2020 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. पुलिस कमिश्नर की तरफ से इन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था. इस मामले में क्राइम ब्रांच के एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर अरुण सिंधु टीम काम कर रही थी. पुलिस को पता चला कि राकेश कालीबाड़ी मंदिर के पास आएगा जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी राकेश कुमार आगरा का रहने वाला है. वह 2001 में पहली बार दिल्ली आया था. वह पहले न्यू अशोक नगर में मिठाई की दुकान में काम करता था. वहां उसकी मुलाकात बबली से हुई, जो सेंधमारी करता था. वह उसके गैंग में शामिल हो गया. वर्ष 2014 में उसे पहली बार क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. जेल से आने के बाद वह रोहित से मिला और एक बार फिर नया गैंग बनाकर वह लूटपाट करने लगे. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मयूर विहार पुलिस को दे दी गई है.
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