नई दिल्ली/नोएडाःनोएडा में चंचल शर्मा (27) नाम की महिला ई-रिक्शा चलाकर महिलाओं के अंदर हौसला भर रही है. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि अगर नौकरी करते तो अपने एक साल के मासूम बच्चे को कहीं न कहीं छोड़ना पड़ता, क्योंकि उसे साथ लेकर नौकरी करना संभव नहीं था.
बेटे को साथ रख सके, इसके लिए चंचल ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम से नोएडा के सेक्टर 59 स्थित लेबर चौक तक करीब छह किलोमीटर ई-रिक्शा चलाकर अपना जीवन-यापन कर (Chanchal started driving e rickshaw with son) रही है. बच्चे को सीने में बांधकर सवारी बैठाना और उतारना उनका अब एक रोजमर्रा का काम हो गया है. सुबह 6:30 बजे से चंचल दोपहर तक ई-रिक्शा चलाने का काम करती है. फिर बच्चे को नहलाने और खिलाने का काम करती हैं.
मासूम को गोद में लेकर ई-रिक्शा चलाती हैं चंचलः मूल रूप से गाजियाबाद की रहने वाली चंचल शर्मा का पति साथ में नहीं रहता है. वह अपने एक साल का बेटा अंकुश और बूढ़ी मां के साथ ही रहती है. इनके जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन ई-रिक्शा चलाना है. चंचल बच्चे को सुबह 6:30 बजे अपने सीने से बांधकर गाजियाबाद से चलती है और सेक्टर 62 स्थित मेट्रो इलेक्ट्रॉनिक सिटी पहुंचती है. वहां वह किराए पर ई-रिक्शा लेकर सुबह से लेकर दोपहर तक उसे चलाती हैं और इस बीच बच्चे को भूख लगने पर उसे दूध और खाना देने के साथ ही नहलाने धुलाने का भी काम करती हैं. कुछ देर समय बिताने के बाद चंचल फिर ई रिक्शा लेकर चलती हैं और शाम तक सवारी ढोती हैं.