नई दिल्ली/नोएडा: देश के विभिन्न प्रदेशों में इस समय बाढ़ की भयावह स्थिति बनी हुई है. हर साल हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाता है. गौतमबुद्ध नगर जिले में भी इसका असर देखने को मिलता है.
हर साल गौतमबुद्ध नगर के कुछ गांव और कुछ क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. लोग परेशानियों का सामना करते हैं. इस साल की स्थिति यह है कि मानसून शुरू होने से लेकर अगस्त माह खत्म हो गया और यमुना का जलस्तर आम दिनों से भी नीचे देखा जा रहा है और बाढ़ जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई है. इस वजह से हर साल किसानों की जो खेती बर्बाद हो जाती थी, इस बार बच गई है.
गौतमबुद्ध नगर में नहीं बढ़ा जमुना का जल स्तर
हर साल यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. किसानों की खेती बर्बाद होने के साथ ही उनके घरों तक पानी पहुंच जाता है. प्रशासन से लेकर एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद में लगी रहती है.