नई दिल्ली/नोएडा:28 अगस्त का दिन गौतमबुद्ध नगर के लिए बेहद खास रहने वाला है. इस दिन सबसे बड़े ट्विन टावर को जमींदोज किया जाएगा. ईटीवी भारत से एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने कहा है कि अब कोई भी कमी नहीं रह गई है. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. ध्वस्तीकरण को लेकर 28 अगस्त को अगर भीषण बारिश नहीं हुई तो हल्की बारिश में भी इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा.
ट्विन टावर को ध्वस्त करने वाली एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता का कहना है कि आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं. बाकी लोगों को प्रशासन शिफ्ट करवाया रहा है. उन्होंने बताया कि ध्वस्तीकरण के पहले आसपास की सभी सोसाइटी खाली करा दी जाएगी. मेहता का कहना है कि जो भी दिक्कतें थी, सभी पूरी कर ली गई हैं. सभी विभागों से एनओसी प्राप्त हो गई है.
उन्होंने बताया कि मुंबई जैसी भारी बारिश अगर हुई तो ध्वस्तीकरण को रोका जा सकता है. सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ट्विन टावर से पश्चिम साइड में साढ़े 400 मीटर का दायरा है. वहीं, अन्य तीन दिशाओं में ढाई सौ मीटर का दायरा रखा गया है, जो खाली कराया जाएगा. इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नहीं रहेगा. 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे से लेकर 3:00 बजे तक एरिया नो फ्लाइंग जोन में रहेगा.
वहीं, ट्विन टावर से सटी हुई सोसायटी सुपरटेक एंब्रॉयड में रहने वाली स्वाति का कहना है कि हमें काफी डर लग रहा है. कैसे क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा. ट्विन टावर के ध्वस्त होने से पहने हमें घर के सामान को कवर करने के लिए पेपर दिया गया है, जिससे सभी सामान को कवर करना होगा. ताकि सामान्य में डस्ट न जा सके. उन्होंने बताया कि स्विमिंग पूल , बास्केटबॉल ग्राउंड, बच्चों के खेलने के पार्क, क्लब सभी करीब सप्ताह भर से बंद कर दिए गए हैं, जिसके चलते बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. पड़ोस में भारी मात्रा में बारूद होने के चलते मन में डर महसूस हो रहा है.
ध्वस्तिकरण से पहले हटाए जा रहे लोग उन्होंने बताया कि ट्विन टावर बनाने में काफी पैसा खर्च हुआ होगा और अब उसे तोड़ा जा रहा है. इससे बेहतर होता कि इसका किसी अन्य चीज में प्रयोग कर लिया जाता. स्वाति ने बताया कि बच्चे पढ़ाई जरूर कर रहे हैं, पर उनके भी मन में डर बना हुआ है. बगल में भारी मात्रा में लगे बारूद को लेकर काफी डर बना हुआ है. बच्चों का खेलना भी पूरी तरीके से बंद हो चुका है.
उन्होंने बताया कि ध्वस्तीकरण के दिन हम लोग पूरे परिवार से गुड़गांव में रह रहे अपने परिजन के यहां चले जाएंगे. ध्वस्तीकरण के बाद सभी टावर को टावर कैप्टन चेक करेगा और जब उसके द्वारा ओके की रिपोर्ट दी जाएगी, तभी हम लोग सोसाइटी में जा पाएंगे, जो रविवार को पूरा हो पाना मुश्किल है.
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