नई दिल्ली/नोएडा:देशभर में लॉकडाउन-4 के शुरू होने से पहले शासन और प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने के लिए हल्की सी छूट दे दी गई है. जिसके चलते प्रवासी मजदूर जहां थे, वहां से अपने घरों के लिए चल दिए. जिन्हें जो संसाधन नहीं मिला वह पैदल ही चले, पर जैसे ही नोएडा की सीमा में पहुंचे, वैसे ही नोएडा पुलिस ने पैदल जाते हुए देख करीब डेढ़ सौ लोगों को बॉर्डर से उठाकर शेल्टर होम में रख दिया.
वहीं शेल्टर होम में आए प्रवासियों का कहना है कि न पैसा है और न खाना, ना ही रोजगार इससे अच्छा अपना घर है. प्रवासियों ने कहा कि घर जाने के लिए निकले थे पर पुलिस ने हमें शेल्टर होम में रख दिया है, प्रशासन हमें किसी भी तरह हमारे घर पहुंचाए, हमें और कहीं नहीं रहना है.
गैर राज्य से चले और पहुंच गए शेल्टर होम
बता दें कि लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से किसी तरह साधन का जुगाड़ कर यूपी के बॉर्डर तक प्रवासी मजदूर पहुंचे. जिन्हें आगे जाने के लिए उन्होंने अन्य साधन की तलाश करने ही वाले थे कि नोएडा पुलिस ने उन्हें पैदल जाता देख शेल्टर होम में रख दिया. शेल्टर होम में आए लोगों में किसी को बिहार तो किसी को फर्रुखाबाद, इटावा, मैनपुरी तो किसी को आजमगढ़ और झारखंड राज्य में जाना है और उनके पास जाने के लिए कोई साधन नहीं है, जिसके चलते प्रशासन ने उन्हें शेल्टर होम में रखा है.
'हमें कहीं और नहीं रहना है'
प्रवासियों से ईटीवी भारत ने बात किया तो, उन लोगों ने बताया कि किसी तरह साधन का जुगाड़ कर लुधियाना, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से नोएडा की सीमा तक आए, जहां लाने वाले ने छोड़ा और वापस चला गया. वहीं जब नोएडा में पहुंचे तो, यहां के प्रशासन ने हमें शेल्टर होम मैं रख दिया है, जबकि हम अपने घर जाना चाहते हैं, हमें कहीं और नहीं रहना है. घर जाने के पीछे जब उनसे कारण पूछा गया तो, उनका कहना है कि ना हमारे पास रोजगार हैं ना खाने के लिए राशन और ना ही जेब में पैसे, इससे अच्छा हम अपने घर पर ही ठीक है.