दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

इतिहास: गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र के उदय से लेकर पहले प्रत्याशी तक की पूरी कहानी - ETV Delhi

क्या आपको पता है साल 2009 से पहले गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र सीट किस नाम से जानी जाती थी, यहां के पहले सांसद कौन हैं और या यहां का पहला चुनाव कैसे हुआ था. आइए आपको बताते हैं यहां के इतिहास के बारे में कुछ अनसुने किस्सों के बारे में.

ऐसे किया जाता था 1952 में चुनाव प्रचार

By

Published : Apr 8, 2019, 2:05 PM IST

Updated : Apr 8, 2019, 3:44 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:साल 1952 के आम चुनाव में गौतम बुद्ध नगर सीट खुर्जा सुरक्षित संसदीय के नाम से जानी जाती थी. साल 1947 में देश के विभाजन के समय बलूचिस्तान पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए कन्हैया लाल बाल्मीकि कांग्रेस पार्टी से प्रत्याशी बने.

जानकारी पर मालूम पड़ा कि साल 1952 में कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया लाल वाल्मीकि ने चंदे के बल पर चुनाव प्रचार किया. झंडे और बैनर कांग्रेस पार्टी से मिले. प्रचार ज्यादातर पैदल ही हुआ करता था.

बैलगाड़ी से गांव-गांव जाकर करते थे प्रचार
गांव से गांव संपर्क के लिए तब आमतौर पर सड़क मार्ग नहीं हुआ करते थे. टूटे-फूटे ग्रामीण रास्तों में जलभराव की बड़ी समस्या थी. ऐसे में प्रत्याशी ने बैलगाड़ी का सहारा लिया और चुनाव प्रचार किया. उस दौरान लोगों को आकर्षित करने के लिए कार्यकर्ता घंटा और ताल बजाकर नुक्कड़ सभाएं भी किया करते थे.

ऐसे किया जाता था 1952 में चुनाव प्रचार

'चंदे के 2 रुपये बचने पर कार्यकर्ताओं में बंटे'
साल 1952 में हुए चुनाव में जीत के बाद चंदे के बचे 2 रुपये कांग्रेस के प्रत्याशी कन्हैया लाल ने गरीब कार्यकर्ताओं के बीच बांट दिए थे. जिसका जिक्र अक्सर 1967 के आम चुनाव के समय राजनीति में आई गिरावट को लेकर किया करते थे.

बता दें कि1952, 1957 और 1962 में कांग्रेस के टिकट पर खुर्जा संसदीय क्षेत्र (अब गौतमबुद्ध नगर) में चुनाव जीतकर कन्हैया लाल लगातार 15 साल से अधिक तक सांसद रहे. उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के साथ काम किया.

Last Updated : Apr 8, 2019, 3:44 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details