नई दिल्ली/नोएडा: महिला वोटरों को जागरूक करने और उन्हें आकर्षित करने के मकसद से बनाए गए 'पिंक' और 'सखी' बूथ पर सुविधाओं के नाम पर खूब फजीहत हुई. जिला प्रशासन को दी गई जिम्मेदारी के बाद बूथ तो बना दिए गए लेकिन जिन सुविधाओं से इन बूथ को लैस होना चाहिए वही सुविधाएं नदारद रहीं.
चुनाव आयोग की ओर से 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में महिला और नए वोटरों के साथ ही बुजुर्ग दिव्यांग वोटरों को भी आकर्षित करने और जागरूक करने के उद्देश्य से हर विधानसभा क्षेत्रों में एक 'पिंक' और 'सखी' बूथ बनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन यहां सुविधाओं की भारी कमी देखने को मिली.