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दहेज हत्या मामले में अदालत ने पति सहित सास ससुर को सजा सुनाई - अदालत ने पति सहित सास ससुर को सजा सुनाई

सूरजपुर स्थित जिला अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में चार लोगों को हत्या का दोषी करार देते हुए कारावास की सजा सुनाई है. 2010 में महिला के ससुराल पक्ष के सदस्यों ने उसे जलाकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद महिला के पिता ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

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Published : Aug 25, 2022, 10:16 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:सूरजपुर स्थित जिला अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में मृतक महिला के पति, देवर, सास और ससुर को हत्या का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई (Husband mother in law sentenced in dowry case) है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राम विजय प्रताप सिंह दोषी पति राजू को दस साल, सास गुड्डी, ससुर ओमप्रकाश और देवर राहुल को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. ये सभी गर्भवती महिला से दहेज मांगने और उसे को जलाकर मारने के मामले में आरोपी थे. अदालत ने इन सभी पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

सहायक शासकीय अधिवक्ता भाग सिंह भाटी ने बताया कि रबूपुरा थाना क्षेत्र के गांव पचौकरा निवासी श्रीराम ने बेटी ममता की शादी 18 जून 2009 को कासना थाना के गांव सिरसा निवासी राजू से की थी. शादी के बाद ससुराल पक्ष के लोग दहेज में दो लाख रुपए व एक होंडा सिटी गाड़ी की मांग करने लगे. लेकिन मांग पूरी न होने पर वे ममता के साथ मारपीट पर उतर आए और ममता को उसके मायके ले जाकर छोड़ दिया. हालांकि, ममता के पिता श्रीराम ने उसे समझा बुझाकर वापस ससुराल भेज दिया.

इसके बाद 18 मार्च 2010 को गर्भवती ममता के साथ पति राजू, सहित उसकी सास-ससुर और देवर ने एक बार फिर दहेज की मांग की, जिस पर ममता ने साफ इनकार कर दिया. इस पर गुस्से में आग बबूला चारों सदस्यों ने ममता के ऊपर केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया. पड़ोसियों ने घटना की सूचना ममता के परिजनों को दी, जिसके बाद उन्होंने ममता को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसकी मौत हो गई. बाद में ममता के पिता ने पुलिस में चारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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इस मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई और 11 गवाहों के बयान भी दर्ज कराए गए. अदालत ने दोनों पक्षों के गवाहों और जिरह के बाद चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए कारावास की सजा सुनाई. जमानत पर चल रहे सभी दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अदालत के फैसले के बाद सभी को जेल भेज दिया.

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