नई दिल्ली/नोएडा:गौतमबुद्ध नगर जिला कहने को हाईटेक जिला है और राष्ट्रीय राजधानी से सटा हुआ भी है. वहीं यहां की पुलिस भी हाईटेक पुलिस कही जाती है. साथ ही 13 जनवरी को गौतम बुद्ध नगर जिला कमिश्नरी घोषित हो गया.
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस एक महामारी के रूप में सबके लिए एक बड़ी आपदा के रूप में सामने आ रहा है. इस महामारी से बचाव के लिए नोएडा में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपनी ऑफिस को सैनिटाइज किया. साथ ही मेट्रो स्टेशनों को सैनिटाइज किया गया. मॉल्स सैनिटाइज किए जा रहे हैं लेकिन गौतमबुद्ध नगर जिले के किसी भी थाने को सैनिटाइज नहीं किया गया है.
थाने में नहीं है सैनिटाइजर
हर तरफ कोरोना वायरस को लेकर लोग सशंकित हैं. अफवाहों का दौर यह है कि इस महामारी को लेकर लोग डरे हुए है. वहीं हाईटेक कही जाने वाली कमिश्नरी गौतमबुद्ध नगर के किसी भी थाने में सैनिटाइजर भी नहीं हैं. जबकि पुलिस विभाग के कर्मी जो रोजाना सैकड़ों लोगों से रूबरू होते हैं. लेकिन सैनिटाइजर न होने से अपने को कैसे साफ रखें.
थानों में सैनिटाइजर नहीं, अधिकारी सो रहे
प्रशासन ने दिए आदेश
कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन का आदेश है कि जहां पर भीड़भाड़ होने की संभावना हो, ऐसे कार्यक्रमों को रद्द किया जाए. कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा जहां लोग इकट्ठे हों. इसके साथ ही काफी संख्या में लोगों को एक जगह जमा होने की भी प्रशासन ने मनाही की है.
थानों पर आती है पब्लिक
नोएडा में या यूं कहें एनसीआर में जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं. जहां लोग आते हैं, उन्हें या तो बंद किया गया है या फिर सैनिटाइज किया गया है. इसके साथ ही सभी मेट्रो स्टेशनों को सैनिटाइज किया जा रहा है. लेकिन थानों पर रोजाना सैकड़ों पब्लिक आती है. पुलिस से मिलती है.
कोरोना वायरस को जहां डब्ल्यूएचओ ने बीमारी की जगह महामारी घोषित किया है. लेकिन किसी भी थाने को सैनिटाइज नहीं किया गया है और न ही उनके साथ चलने वाली पीसीआरओ को सैनिटाइज किया गया है. प्रशासन इस तरफ ध्यान देने की जगह आंख मूंदे हुए है. जबकि देखा जाए तो पुलिस विभाग सबसे ज्यादा लोगों से मिलता है.
थानों का बुरा हाल
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी में महिला थाने को लेकर कुल 22 थाने हैं और सभी थानों में देखा जाए तो गंदगी का अंबार भी लगा है. और वहां पर बाहर से पब्लिक का आना जाना भी है. थानों पर बीमार घायल से लेकर अपराधी तक थाने आते हैं.
गंदे हवालातो में अपराधियों को रखते हैं. लेकिन किसी भी थाने पर साफ सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति ही दिखाई देती है.