नई दिल्ली/नोएडा: NCR में सर्विस सेक्टर का हब बन चुके नोएडा में आत्महत्याओं के बढ़ते मामले चिंता पैदा कर रहे हैं. होली के दिन ही बीते 24 घंटों में सात लोगों ने फंदे पर झूल कर अपनी जान दे दी. कोरोना काल में बीते साल से अब तक 300 आत्महत्याओं के केसेज सामने आ चुके हैं. पुलिस और जानकार इसे कोरोना से उपजे साइड इफेक्ट करार दे रहे हैं, जिसमें बड़ा कारण नौकरियों का जाना है.
गौतमबुद्ध नगर में होली के दिन 24 घंटे में 7 लोगों ने फांसी के फंदे पर झूल कर मौत को गले लगा लिया. होली पर भी आत्महत्याओं का सिलसिला नहीं थमा और होली के दिन ही एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत सात लोगों ने खुदकुशी कर ली. यह जानकारी गौतमबुद्धनगर पुलिस विभाग ने साझा की है. गौतमबुद्धनगर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि खुदकुशी की वजह अलग-अलग है और कुछ मामलों में जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, जिसके बाद पता चल सकेगा कि इन लोगों ने खुदकुशी की है या फिर मौत का कोई और कारण है.
बता दें कि पिछले साल से महामारी कोरोना के बाद से नौकरी गंवाने वाले लोग मौत को गले लगा रहे हैं. आकंड़ों पर नज़र डालें तो नोएडा में जनवरी तक 300 लोगों ने आत्महत्या कर ली. यानी रोज़ाना एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है.
'वर्चुअल ज़िंदगी से रहें दूर'