नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में करीब 65 वेटलैंड चिन्हित कर उनको संरक्षित करने का काम तेज कर दिया गया है. जिसमें 24 दादरी,13 बिसरख, 10 दनकौर और 18 जेवर में हैं.
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बी. एन सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को चिन्हित वेटलैंड की मौजूदा स्थिति को लेकर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने की बात कही है.
वेटलैंड को पुनर्जीवित करने की कोशिशें तेज 69 वेटलैंड किए गए चिन्हित
साल 2019 में वन विभाग ने गूगल अर्थ की मदद से 69 वेटलैंड चिन्हित किए हैं. जिसमें 4 बुलंदशहर में हैं. प्रभागीय वन अधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चिन्हित वेटलैंड को संरक्षित कर उसे अधिसूचित किया जाएगा ताकि वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करते हुए पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा सके.
वन विभाग ने सभी संबंधित SDM को पत्र लिख चिन्हित वेटलैंड के संबंध में रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने बताया कि वेटलैंड संरक्षित करने से गिरते पानी का स्तर भी कंट्रोल किया जा सकता है और उम्मीद जताई कि भू-जल का स्तर भी बढ़ेगा.
राज्य गठन कमेटी को भेजा पत्र
बता दें कि जिले का पहला आधिकारिक वेटलैंड धनोरी बनेगा. इसे लेकर नोएडा वेटलैंड कमेटी ने राज्य गठन कमेटी को पत्र भी भेजा है. प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि धनौरी वेटलैंड में सारस पक्षी का हर मौसम में जमावड़ा रहता है.
गर्मी के दिनों में भी सैकड़ों सारस पक्षी देखने को मिल जाते हैं. इसके अलावा यहां 100 से ज्यादा मौसमी पक्षी हर साल प्रवास के लिए आते हैं. धनोरी वेटलैंड का गूगल मैप लिया गया, जिससे पता चला है कि इसे ब्लाइंड के रूप में विकसित किया जा सकता है.