नई दिल्ली/गुरुग्राम: 'पहले 35 वार्डों की बदसूरती संभालो, फिर करना गावों को नगर निगम में शामिल' ये कहना है 38 गांवों के प्रतिनिधियों का. दरअसल नगर निगम गुरुग्राम जिले की 38 ग्राम पंचायतों को खत्म कर नगर निगम में शामिल करने जा रहा है. इसी को लेकर ग्राम पंचायतें विरोध कर रही हैं.
गुरुग्राम जिला सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सुंदर लाल ने कहा कि नगर निगम का ध्यान गांवों का विकास करने से ज्यादा 38 गांवों की जमीन और पंचायतों की करोड़ों की एफडी पर है. उन्होंने कहा कि जो गांव पहले नगर निगम में शामिल हो चुके हैं. वो किसी कबाड़ घर से कम नहीं दिखते. इसलिए नगर निगम को चाहिए कि जिन गांवों में पीने का साफ पानी तक सप्लाई नहीं हो रही है. उनकी पहले सूरत बदले.