नई दिल्ली/गुरुग्राम: 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की मुहिम को हरियाणा की धरती से ही प्रधानमंत्री ने शुरु किया था. अब इस मुहिम के तहत लगातार गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग की टीम लिंग जांच करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और कोख के कातिलों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है.
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओः लिंगानुपात में गुरुग्राम का शानदार प्रदर्शन
गुरुग्राम जिले ने पिछले 3 साल में लिंग अनुपात में सबसे बहतर प्रदर्शन किया है. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए 2015 में तत्कालीन जिला उपायुक्त ने टीम का गठन किया था.
50 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई
यही कारण है कि जो सर्वे गुरुग्राम में किया गया है उसमें एक हजार लड़कों पर 931 लड़कियां हो गई हैं. बता दें कि साल 2015 में तत्कालीन जिला उपायुक्त टीएल सत्य प्रकाश ने भ्रूण लिंग जांच करने वालों पर नकेल कसने के लिए एक टीम का गठन किया था. जिसने जमीनी स्तर पर काम किया और 2019 तक टीम ने एक के बाद 50 ऐसे लोगों को जेल पहुंचाया जो लिंग जांच करते थे. उनमें डाक्टर्स सहित ऐसे लोग भी शामिल थे, जो इस गोरख धंधे से जुडे़ हुए थे.
लिंगानुपात में गुरुग्राम सबसे अव्वल
बता दें कि गुरुग्राम, अंबाला, कुरुक्षेत्र, झज्जर और महेंद्रगढ़ में लिंग अनुपात को लेकर सर्वे कराया गया था. इन सभी जिलों में जो आंकड़े निकलकर आए उसमें गुरुग्राम का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है.
लड़कों के मुकाबले प्रति हजार लड़कियों की संख्या के आंकड़े |
जिला | पहले लिंगानुपात | अब लिंगानुपात |
1.अंबाला | 842 | 925 |
2.कुरुक्षेत्र | 866 | 924 |
3.झज्जर | 824 | 923 |
4.महेंद्रगढ़ | 782 | 889 |
5.गुरुग्राम | 875 | 931 |