नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी में 15 अक्टूबर से जनरेटर नहीं चलेंगे. इन आदेशों के सामने आने के बाद से ही उद्योगपति परेशान नजर आ रहे हैं. इन उद्योपतियों की मानें तो सरकार को जिला प्रशासन को पहले बिजली की समस्या को दूर करना चाहिए, उसके बाद ऐसे आदेश जारी किए जाने चाहिए.
बता दें कि सिटी के सेक्टर 37 इंड्रस्टियल एरिया के वाइस प्रेजिडेंट केके गांधी ने बताया कि जनरेटर सिर्फ लाइट जाने पर ही चलाए जाते हैं. लेकिन साइबर सिटी में चलने वाले डीजल ऑटो 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां जो प्रदूषण की सबसे प्रमुख वजह है. इसको लेकर जिला प्रशासन के पास कोई ठोस योजना है ही नहीं.
साइबर सिटी में 15 अक्टूबर से नहीं चल पाएंगे डीजल जनरेटर, उद्योगपति परेशान वहीं सेक्टर 37 इलेक्ट्रो प्लेटिंग के प्रधान उमेश कुमार ने बताया कि उद्योग जगत पहले ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कोरोना ने इसे और विकराल रूप दे दिया है. अब जब सब सही होने की दिशा में उद्योग बढ़ने लगे हैं तो ऐसे में जनरेटर नहीं चलेंगे. जैसे आदेश काफी हैरान करने वाले जरूर हैं.
इस मामले में ऑटो मोबाइल सेक्टर से जुड़ी स्नेहलता की मानें तो सरकार को एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी को ऐसे फैसलों से पहले प्रदूषण कंट्रोल के अन्य विकल्पों पर भी पर भी योजनाएं बनानी चाहिए ताकि प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर सही से व्यवस्थित तरीकों से काम किया जा सके.
दरअसल प्रदूषण विभाग ने लगातार बढ़ते प्रदूषण और इसको लेकर किए जा रहे उपायों पर काम करते हुए जिले भर में जरूरी कामों को छोड़ डीजल जनरेटर न चले. इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. जिसका सीधा असर उद्योगों पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसी को लेकर उद्योगपतियों ने इस आदेश पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड जिला प्रशासन के पास प्रदूषण को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है.