नई दिल्ली/नूंह: मांडीखेड़ा के सामान्य अस्पताल में आशा वर्कर का अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है. करीब एक महीने से आशा वर्कर्स धरने पर हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि जब तक सरकार उनकी न्यूनतम वेतन सहित अन्य मांगों पर विचार नहीं करती तब तक उका धरना प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा.
नूंह में करीब एक महीने से धरने पर बैठी हैं आशा वर्कर
मांडीखेड़ा के सामान्य अस्पताल में आशा वर्कर का धरना प्रदर्शन जारी है. आशा वर्कर्स का कहना है कि जब तक सरकार उनकी न्यूनतम वेतन सहित अन्य मांगों पर विचार नहीं करती तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आशा प्रतिनिधिमंडल की बैठक होनी है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई बुलावा उन्हें नहीं मिला है. आशा वर्कर्स सरकार के रवैये से बेहद नाराज हैं. आशा वर्कर्स का कहना है कि जब काम कराना होता है तो आशा वर्कर की याद आती है और जब वेतन देना तो सरकार गंभीर दिखाई नहीं देती है.
आशा वर्कर्स का कहना है कि 4000 से अधिक रुपये एक मजदूर को भी मिल जाते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें कम से कम न्यूनतम वेतन यानि 18,000 हजार रुपये चाहिए. आशा वर्कर्स ने राज्य सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो भी प्रदेश की बेटियां हैं. उनको आज वेतन की वजह से धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.