नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद से सभी प्रवासी मजदूर अपने-अपने होमटाउन जा चुके हैं. ऐसे में गर्मी के सीजन में कूलर कारोबारियों की चिंता इस बात को लेकर बढ़ गई है कि मजदूर और कारीगर कैसे मिलेंगे.
बढ़ी हुई गर्मी ने कूलर के ठंडे हुए कारोबार को दी गति गाजियाबाद की प्रसिद्ध कूलर मार्केट मालीवाड़ा में हमने कूलर कारोबारी से बात की. उनसे पता चला कि कुछ कारोबारियों ने अपने मजदूरों और कारीगरों के लिए लॉकडाउन के दौरान रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की थी. ऐसे कूलर कारोबारियों को मजदूर और कारीगर मिल रहे हैं. लेकिन कुछ दुकानदारों को मजदूर नहीं मिल रहे. वहीं यह भी पता चला कि गर्मी के इस मौसम में AC से ज्यादा कूलर की बिक्री हो रही है.
कोरोना काल में कूलर की बिक्री
कूलर कारोबारी अशोक कंसल का कहना है कि कोरोना काल में ज्यादातर लोग अब कूलर खरीदने के लिए आ रहे हैं और हालात सामान्य हो रहे हैं. लोग यह भी कह रहे हैं कि वह AC की जगह कूलर खरीदने आए हैं. क्योंकि AC नुकसानदेह साबित हो सकता है. उनका कहना है कि उन्होंने अपने कारीगरों और मजदूरों को वापस नहीं जाने दिया था. सभी कारीगर और मजदूरों की व्यवस्था यही करा दी गई थी. खाने-पीने का इंतजाम और रहने की व्यवस्था भी कराई गई थी. जिससे अब हालात सामान्य होने पर मजदूर और कारीगर पूरे दिल से काम में लगे हुए हैं. रुके हुए कारोबार को फिर से गति भी मिल गई है.
कुछ दुकानदारों के लिए संकट
पता चला कि कुछ दुकानदारों के लिए संकट की स्थिति है. ऐसे दुकानदार, जिन्होंने अपने कारीगर और मजदूरों की व्यवस्था लॉकडाउन 1 से 3 के दौरान नहीं की थी, उनके पास मजदूर नहीं है. हालात सामान्य होने के बाद भी उनका काम चल पाना मुश्किल है. क्योंकि बिना कारीगर के कूलर बना कर बेच पाना नामुमकिन है.