नई दिल्ली/गाजियाबाद : लंपी स्किन डिसीज खतरे के बीच गाजियाबाद जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. लंपी के संक्रमण को रोकने के लिए गाजियाबाद में दिल्ली समेत अन्य जिलों से आने वाले गौवंशीय पशुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. जिससे लंपी वायरस को फैलने से रोक जा सके. बिना जांच के गौवंशीय पशुओं को जनपद में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
गाजियाबाद में बाहर से आने वाले पशुओं के प्रवेश पर रोक, प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन - पशुओं के प्रवेश पर रोक
गाजियाबाद में लंपी स्किन डिसीज को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने पशुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है. बिना जांच के गौवंशीय पशुओं को गाजियाबाद जनपद में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. गोवंशों को वायरस से बचाने के लिए ग्राम प्रधानों की मदद ली जा रही है.
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा बार्डर चौकी प्रभारियों को दिल्ली समेत अन्य जिलों से आने वाले पशुओं के परिवहन पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. जिले के सभी गो आश्रय स्थलों में लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए टीकाकरण कराने के भी निर्देश दिए गए.
खण्ड विकास अधिकारियों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को साफ-सफाई की व्यवस्था करने के लिए हुए नियमित छिड़काव करने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं. यदि कोर्द पशु लंपी स्किन डिजीज से प्रभावित है तो अलग क्वारंटिन करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिलाधिकारी ने लंपी स्किन डिजीज रोकथाम के लिए जनपद, ब्लॉक स्तर पर टीम बनाने के लिए निर्देशित किया और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट की भी तैनाती कराने के निर्देश दिए हैं.
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि गोवंशों को वायरस से बचाने के लिए ग्राम प्रधानों की मदद भी ली जाएगी. इसके लिए सभी 161 ग्राम पंचायत के प्रधानों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की जाएगी. अगर किसी भी गांव में गोवंशों में वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो इसकी सूचना विभाग को देंगे. साथ ही प्रधानों को वायरस के लक्षणों और बचाव के बारे में भी बताया जाएगा, जिससे वह पशुपालकों को जागरूक कर सकें.