नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान के ट्रैक्टर से दिल्ली क्यों दहलती है. सियासी दल अपने काफिले में लग्जरी गाडियां लेकर चलते हैं तो किसान के ट्रैक्टर लेकर चलने से क्या दिक्कत है? दिल्ली की मखमली सड़कों पर किसान का ट्रैक्टर दौड़ता रहेगा. दरअसल यह इसलिए भी जरूरी है कि दिल्ली किसानों को याद रखे. किसान इधर नहीं आया तो दिल्ली किसानों को भूल बैठी है और किसानों की अनदेखी कर कंपनियों की गोद में जा बैठी.
भला कहीं ऐसा होता होगा कि कृषि कानून में कारपोरेट कंपनियों के हित साधने के लिए बनाए जाते हों. कृषि कानून तो किसान हित में होने चाहिए, अब किसान ने ठान ली है कि दिल्ली की याददाश्त अच्छी रखेंगे. दिल्ली में सड़कों के किनारे किसान ट्रैक्टरों के बड़े-बड़े हॉर्डिंग लगवाएंगे. यह बातें रविवार को गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहीं.
रविवार को भी पहुंचते रहे ट्रैक्टर
किसान नेताओं के मुताबिक, शुक्रवार से गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ट्रैक्टरों के आने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो रविवार को भी जारी रहा. रविवार को गाजियाबाद के सदरपुर और रईसपुर समेत आसपास के गांवों से ट्रैक्टर मार्च गाजीपुर बार्डर पहुंचा. मार्च में शामिल किसानों का कहना था कि उनसे यहां आने का आह्वान नहीं किया गया तो बल्कि वे स्वयं अपनी मर्जी से आए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं हो जाते तो उनका बॉर्डर पर आना-जाना लगा रहेगा.
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