नई दिल्ली/गाजियाबाद: अपनी मांगों के लिए अब सफाई कर्मचारी सड़कों पर उतरने को मजबूर है. नगर निकाय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गाजियाबाद में सफाई कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियो की मांग है कि प्रदेश सरकार आउटसोर्सिंग के आदेश को वापस ले.
आउटसोर्सिंग के खिलाफ कर्मचारियों का धरना कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि आउटसोर्सिंग होने से वो बेरोजगार हो जाएंगे. कर्मचारियों का कहना है कि वो पिछले कई सालों से नगर निगम में काम कर रहे हैं. इसी से उनका घर चल रहा है और बच्चों का लालन-पालन भी होता आया है.
कर्मचारियों को डर है कि सरकार के नए आदेश के तहत सफाई का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को दिया जाएगा. अगर सफाई का काम आउटसोर्सिंग के जरिए किया जाता है तो उनके बच्चे खाने को मोहताज हो जाएंगे.
प्रदर्शन के दौरान सफाईकर्मचारी कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
कपड़े उतार कर प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियो ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के खुद के बच्चे नहीं है. इसलिए उन्हें बच्चों का दर्द नहीं पता. पहले से ही हमें कम सैलरी में काम कर रहे थे और अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से हमारे लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.
बता दें कि गाजियाबाद में करीब 2700 सफाई कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है. पूर्व में भी कई बार सफाई कर्मचारियों ने नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन किया था. लेकिन अब आउटसोर्सिंग के आ जाने से इनके रोजगार पर संकट उत्पन्न हो गया है.