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गाजियाबाद: आम आदमी पर महंगाई की मार, आलू 40 रुपये के पार - कोल्ड स्टोरेज

कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते रोजगार काफी प्रभावित हुआ है. काम धंधे अनलॉक शुरू होने के बाद भी पटरी पर वापस नहीं लौट पाए हैं. एक तरफ आम आदमी को जहां कोरोना के चलते काम धंधे बंद होने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं लगातार बढ़ रहे सब्जी के दामों के चलते आम आदमी पर अब दोहरी मार पड़ रही है.

potato price hike in ghaziabad vegetable market
गाजियाबाद: आम आदमी पर महंगाई की मार, आलू 40 रुपये के पार

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Published : Sep 15, 2020, 4:46 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना काल में आम लोगों के लिए सब्जी खाना बहुत मुश्किल हो गया है. आमतौर पर हर बार बरसात के मौसम में हरी सब्जियों के दामों में काफी उछाल देखने को मिलती है लेकिन इस साल आलू का दाम भी लगातार आसमान छू रहा. सब्जी मंडी में फुटकर में आलू ₹40 किलो बिक रहा है. आलू के साथ-साथ प्याज और टमाटर के दामों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है.

सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी

'पिछले 1 महीने में हुई बढ़ोतरी'

गाजियाबाद की पुरानी सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्रीपाल यादव ने बताया कि करीब 1 महीने पहले मंडी में आलू 20-25 रुपये किलो, टमाटर 20 रुपये किलो बिक रहा था. बीते एक महीने में अचानक आलू और टमाटर के दामो में बढ़ोतरी हुई है.

श्रीपाल यादव ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज में आलू की भरमार है जिसको स्टॉकर बाजार में नहीं निकाल रहे हैं क्योंकि उन्हें आलू के रेट और बढ़ने का इंतज़ार है. जिसकी वजह से आलू के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सरकार और प्रशासन अगर कोल्ड स्टोरेज संचालकों पर सख्ती दिखाए और वहां मौजूद स्टॉक को जल्द बाजार में भिजवाए तो आलू के दाम में गिरावट आ सकती है.

सब्जी मंडी
उन्होंने बताया कि आलू का रेट बढ़ने के कारण आलू की बिक्री पर भी काफी असर पड़ा है. आम दिनों में एक व्यापारी से आलू के करीब 20 कट्टे प्रतिदिन बिकते थे लेकिन आलू का रेट बढ़ने के बाद मुश्किल से 5 से 7 कट्टे प्रतिदिन बिक पा रहे हैं. बरसात के मौसम में हरी सब्जियों का रेट बढ़ने पर आम आदमी के लिए आलू एक बड़ा सहारा होता है, लेकिन अब तो आलू का भाव भी आसमान छू रहा है. जिस कारण आम आदमी के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है.

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