नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन के बीच मुस्लिम समुदाय का पाक महीना माने जाने वाला रमजान उल का मुबारक का महीना आ रहा है. इसमें मुस्लिम समुदाय को लोग मस्जिदों में जाकर खुदा की इबादत करते हैं. इसमें महीने में कुरान शरीफ की तिलावत होती है. लेकिन, लाॅकडाउन के कारण किस तरह से मुस्लिम समुदाय रमजान उल मुबारक के पाक महीने में इबादत करें, इसको लेकर ईटीवी भारत ने की मुफ्ती मजहर उल हक कासमी से की खास बातचीत की.
घर पर ही अदा करें तरावीह
रमजान के महीने में रोजा रखने के लिए सहरी और इफ्तार को लेकर भी उन्होंने बताया कि सहरी करते हुए अपनी जरूरी चीजों को पहले से ही इकट्ठा कर लें और सहरी खाने के बाद रोजा इफ्तार करते समय यह जरूरी नहीं कि फलों को ही खाया जाए. आप खजूर और पानी से भी इफ्तार कर सकते हैं, क्योंकि फलों के ऊपर पानी पीने से भी स्वास्थ्य पर फर्क पड़ता है.
जहां कोरोना का एक भी मामला नहीं वहां देनी चाहिए सरकार को छूट
लाॅकडाउन के बीच रमजान को लेकर उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कोरोना का एक भी मामला ना हो सरकार को उन क्षेत्रों में छूट दे देनी चाहिए. जिन क्षेत्रों में कोरोना का एक भी मामला हैं तो वहां सरकार को बिल्कुल भी छूट नहीं देनी चाहिए.