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बाेले कश्मीरी पंडितः जो 'The Kashmir Files' में दिखाया, उससे कई गुना ज्यादा दर्द है - द कश्मीर फाइल्स

अनुमप खेर और मिथुन चक्रवर्ती जैसे मंझे हुए कलाकारों से सजी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है. फिल्म 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. फिल्म में कश्मीरी पंडितों के पलायन की पीड़ा को पेश करने की कोशिश की गई है. इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों में अलग उत्साह है. कश्मीरी पंडिताें ने इस फिल्म के बारे में क्या कहा, जानिये.

कश्मीरी पंडि
कश्मीरी पंडि

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Published : Mar 14, 2022, 7:37 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद में कश्मीरी पंडितों के तकरीबन ढाई हजार परिवार रहते हैं. पलायन के बाद कश्मीरी पंडितों का परिवार अपना सब कुछ कश्मीर में ही छोड़ आए थे. गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में माता क्षीर भवानी का मंदिर है. मंदिर कश्मीरी पंडितों द्वारा बनवाया गया है. ईटीवी भारत ने मंदिर में कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की. अधिकतर कश्मीरी पंडित और उनके छोटे बच्चे भी कश्मीरी भाषा में ही एक दूसरे से बात करते नजर आए. जिससे साफ हो जाता है कि अपनी जड़ों को कश्मीरी पंडितों ने कस के पकड़ रखा है.

जिले के तमाम कश्मीरी पंडित माता क्षीर भवानी के मंदिर में आते हैं और साथ ही साल में कई बड़े कार्यक्रम होते हैं जब कश्मीरी पंडित एक साथ होते हैं. द कश्मीर फाइल्स को लेकर कश्मीरी पंडितों का कहना है कि पिक्चर में जो दिखाया गया है वह बहुत ही सराहनीय है. विवेक अग्निहोत्री के वह दिल से शुक्रगुजार हैं लेकिन पिक्चर में सिर्फ एक से दो प्रतिशत की दर्द दिखाया गया है. जो पिक्चर में है उससे कई गुना कश्मीरी पंडितों का दर्द है, जो आज भी उनकी दिलों की अंधेरी कोठरियों में कैद है.

वीडियाे में देखिये क्या बाेले कश्मीरी पंडित.

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मोतीलाल की उम्र तक़रीबन 86 वर्ष है. मोतीलाल बताते है कि उनके चाचा का बेटा धूप सेक रहा था तब कुछ लोगों ने उनको छह गोली मार दी थी. पूरी घटना मोतीलाल की आंखों के सामने घटी थी. कश्मीरी पंडित लंबे समय से सिर्फ भाग रहा हैं. अंजू बताती हैं कि वह श्रीनगर की रहने वाली हैं लेकिन अभी उनका कोई स्थाई पता नहीं है, जो बताया जा सके कि वह कहां की हैं.
शालीमार गार्डन का माता क्षीर भवानी मंदिर.

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कोई ठिकाना ही नहीं है, फिलहाल शालीमार गार्डन में रहती हैं. अंजू का कहना है कि विवेक अग्निहोत्री ने एक ऐसी फिल्म बनाई है जिससे कि पूरी दुनिया को पता चल सके कि आखिर कश्मीर में हुआ क्या था. हम पहले भी लोगों को अपनी कहानी सुनाना चाहते थे लेकिन किसी ने हमारी कहानी सुनने की कोशिश नहीं की. लाेग कहते थे कि आप भाग के आए हो.

शालीमार गार्डन का माता क्षीर भवानी मंदिर.

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