नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद में कश्मीरी पंडितों के तकरीबन ढाई हजार परिवार रहते हैं. पलायन के बाद कश्मीरी पंडितों का परिवार अपना सब कुछ कश्मीर में ही छोड़ आए थे. गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में माता क्षीर भवानी का मंदिर है. मंदिर कश्मीरी पंडितों द्वारा बनवाया गया है. ईटीवी भारत ने मंदिर में कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की. अधिकतर कश्मीरी पंडित और उनके छोटे बच्चे भी कश्मीरी भाषा में ही एक दूसरे से बात करते नजर आए. जिससे साफ हो जाता है कि अपनी जड़ों को कश्मीरी पंडितों ने कस के पकड़ रखा है.
जिले के तमाम कश्मीरी पंडित माता क्षीर भवानी के मंदिर में आते हैं और साथ ही साल में कई बड़े कार्यक्रम होते हैं जब कश्मीरी पंडित एक साथ होते हैं. द कश्मीर फाइल्स को लेकर कश्मीरी पंडितों का कहना है कि पिक्चर में जो दिखाया गया है वह बहुत ही सराहनीय है. विवेक अग्निहोत्री के वह दिल से शुक्रगुजार हैं लेकिन पिक्चर में सिर्फ एक से दो प्रतिशत की दर्द दिखाया गया है. जो पिक्चर में है उससे कई गुना कश्मीरी पंडितों का दर्द है, जो आज भी उनकी दिलों की अंधेरी कोठरियों में कैद है.
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मोतीलाल की उम्र तक़रीबन 86 वर्ष है. मोतीलाल बताते है कि उनके चाचा का बेटा धूप सेक रहा था तब कुछ लोगों ने उनको छह गोली मार दी थी. पूरी घटना मोतीलाल की आंखों के सामने घटी थी. कश्मीरी पंडित लंबे समय से सिर्फ भाग रहा हैं. अंजू बताती हैं कि वह श्रीनगर की रहने वाली हैं लेकिन अभी उनका कोई स्थाई पता नहीं है, जो बताया जा सके कि वह कहां की हैं.