नई दिल्ली/गाजियाबाद : संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने बयान जारी कर कहा है कि एसकेएम स्पष्ट करता है कि पूर्व घोषणा के अनुसार, स्थिति का जायजा लेने और किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के आगे के कदमों के बारे में निर्णय लेने के लिए एसकेएम के सभी घटक संगठनों की बैठक चार दिसंबर को होगी. किसान मोर्चा की यह बैठक सिंघु बॉर्डर पर होगी.
इस बैठक में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उठाए गए विभिन्न बिन्दुओं और भविष्य में लिए जाने वाले फैसलों पर चर्चा होगी. एसकेएम ने कहा कि विरोध कर रहे किसानों की लंबित मांगों की प्रतिक्रिया के रूप में भाजपा सरकारों द्वारा यहां-वहां अस्पष्ट बयान स्वीकार्य प्रतिक्रिया या आश्वासन नहीं हैं और एसकेएम लंबित मांगों पर ठोस आश्वासन और समाधान चाहता है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि जब हरियाणा राज्य में लगभग 48 हजार किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की बात आती है तो वह केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करेंगे और मोदी सरकार किसानों की शेष मांगों को पूरा करने की अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है.
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किसान नेता जगतार सिंह बाजवा (Kisan Neta Jagtar Singh Bajwa) के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) भारत सरकार को लिखे अपने पत्र में शामिल किसानों की मांगों पर मजबूती से खड़ा है. सरकार द्वारा पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. तीन दिसंबर तक सरकार द्वारा एमएसपी, किसानों पर दर्ज मुकदमे सहित अन्य विषयों जो पत्र में शामिल है पर अगर कोई प्रभावी व सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता तो आंदोलन को सरकार के खिलाफ जारी रखा जाएगा. जिसकी योजना चार दिसंबर की एसकेएम बैठक में निर्धारित की जाएगी.
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बाजवा ने बताया एक दिसंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के सरकार की वार्ता में शामिल होने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक होगी, जिसमें सरकार के रवैये को लेकर चर्चा की जाएगी. आंदोलन खत्म होने की तमाम चर्चाओं को लेकर बाजवा ने कहा कि जो भ्रम की स्थिति आंदोलन को लेकर पैदा की जा रही है उसकी किसान मोर्चा निंदा करता है.