नई दिल्ली/गाजियाबाद : महिला उन्नति प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा ने आज गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर पर ही मिट्टी और मुल्तानी मिट्टी से गणपति की मूर्ति बनाई है ताकि विसर्जन के दिन वह आसानी से पानी में घुल सके.
बता दें कि गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों और मोहल्लों में भगवान गणेश की प्रतिमा लेकर आते हैं. निश्चित दिनों के लिए उनकी सेवा कर कुछ दिन बाद उनका विसर्जन करते हैं.
गणेश विसर्जन के दिन गणपति की मूर्ति को नदी, नहर, समंदर आदि में विसर्जित किया जाता है. दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में गणेश विसर्जन के दिन अस्थाई तालाब बनाए जाते हैं. इनमें मूर्ति विसर्जन किया जाता है. ऐसे में केमिकल द्वारा बनाई जा रही मूर्तियों से पानी के दूषित होने और मूर्ति पानी में सही तरीके से विसर्जित ना होने के कारण खंडित होने से आस्था को ठेस भी पहुंचती है. इसी को ध्यान में रखते हुए आज गणेश चतुर्थी के दिन महिला उन्नति प्रशिक्षण संस्थान की अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा ने घर पर ही मिट्टी से गणपति की मूर्ति बनाई है, जो विसर्जन के दिन आसानी से पानी में घुल सके.
लोगों से की मिट्टी के गणपति बनाकर स्थापिक करने की अपील
ईटीवी भारत को महिला उन्नति प्रशिक्षण संस्थान की अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा ने बताया कि आज गणेश चतुर्थी के दिन उन्होंने मिट्टी और मुल्तानी मिट्टी का उपयोग करते हुए गणपति की मूर्ति बनाई है ताकि जब हम इनका विसर्जन करें तो यह है आसानी से पानी में घुल सके. दुर्गेश शर्मा का कहना है कि वह समस्त जनता से अपील करना चाहती हैं कि सभी मिट्टी के गणपति बनाकर अपने घर में स्थापित करें ताकि उनका पानी में आसानी से विसर्जन हो सके.
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