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अब बेटियों के नाम से होगी घर की पहचान, गाजियाबाद प्रशासन की अनूठी पहल - मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल

घर-परिवार से लेकर समाज के माहौल तक, आज भी बेटियों के जन्म को लेकर न तो सकारात्मकता दिखती है और न ही दिली स्वीकार्यता. कभी भ्रूण हत्या, तो कभी बेटियों को कूड़े के ढेर में छोड़ देने की असंवेदनशील और अमानवीय घटनाएं सामने आती रहती हैं. बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव खत्म करने और समाज को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन (Ghaziabad administration) द्वारा "बेटी का नाम, घर की शान" कार्यक्रम (Beti ka naam ghar ki shan program) की शुरुआत की गई है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

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Published : Jun 28, 2021, 9:46 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 10:19 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी योजना 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' (Beti bachao Beti padao) के तहत ग़ाज़ियाबाद जिला प्रशासन (Ghaziabad Administration) ने अनूठी पहल की है.

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह (District Magistrate Rakesh Kumar Singh) और मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल (Chief Development Officer Asmita Lal) द्वारा बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए "बेटी का नाम, घर की शान" कार्यक्रम (Beti ka naam ghar ki shan program) शुरू किया गया है. कार्यक्रम के तहत IAS, PCS, प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों और आम जनता को बेटियों के नाम की घरों की नेम प्लेट दी गई है. तकरीबन 25 लोगों को बेटियों के नाम की प्लेट दी गई है. बेटियों को दी गई नेम प्लेट पर कार्यक्रम का नाम "बेटी का नाम, घर की शान" और घर में मौजूद बेटियों का नाम लिखा है.

बेटी का नाम घर की शान

मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि गाज़ियाबाद में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के अंतर्गत बीते सालों में विभिन्न कार्यक्रम किये गए हैं. ज़िला मुख्यालय में सोमवार एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें बेटियों के नाम की नेम प्लेट वितरित की गई है. समाज में बेटियों को लेकर संवेदनशीलता लाने के लिए, इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. शुरुआती दौर में तक़रीबन दो दर्जन लोगों को नेम प्लेट दी गई है. आगे भी इस कार्यक्रम से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर (IAS) और एसडीएम खालिद अंजुम समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी घर बाहर बेटी के नाम की नेम प्लेट लगाई जाएगी.

बेटियों को मिलेगा प्रोत्साहन

गाजियाबाद निवासी अवनी सिरोही ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा नेम प्लेट दी गई है. नेम प्लेट पर नाम लिखा हुआ है. बहुत खुशी हो रही है. घर अब मेरे नाम से जाना जाएगा. बेटियां बेटों से कम नहीं हैं. एयरफोर्स से लेकर तमाम क्षेत्रों में बेटियां अहम भूमिका निभा रही हैं. जिला प्रशासन की इस पहल से बेटियों को प्रोत्साहन मिलेगा. अवनी के पिता दीपक सिरोही ने बताया कि प्रशासन की बेहद शानदार पहल है. आज भी देश में बेटों की चाहत में भ्रूण हत्या के मामले सामने आ रहे हैं. प्रशासन की इस पहल से लोगों में जागरूकता आएगी. देश भर में "बेटी का नाम, घर की शान" कार्यक्रम की शुरुआत होनी चाहिए. कई राज्यों में लिंग अनुपात गड़बड़ा गया है.



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समाज में जाएगा अच्छा संदेश

संजीव वर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा बेटियों के नाम की नेम प्लेट दी गई है. नेम प्लेट को घर के बाहर लगाया जाएगा, जिससे अब घर की पहचान बेटियों के नाम से होगी. बेटियों की पहचान के लिए इस तरह का कार्यक्रम बेहद जरूरी है. प्रशासन द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम से समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा और परिवर्तन आएगा. समाज में बेटी और बेटों में होने वाला भेदभाव भी निश्चित रूप खत्म होगा. संजीव वर्मा की बेटी अनुष्का वर्मा ने बताया बहुत खुश हूं. अब घर के बाहर अपने नाम का नेम प्लेट लगाऊंगी.

Last Updated : Jun 28, 2021, 10:19 PM IST

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