नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे के मोक्ष द्वार श्मशान घाट में राकेश कुमार नाम के शख्स पिछले 10 सालों से अपने निजी खर्चे से सैकड़ों किस्म के पेड़ पौधे लगाकर यहां आने वाले लोगों के लिए फूलों और छाए का प्रबंध कर समाज सेवा कर रहे हैं.
स्पेशल: इस वजह से एक शख्स पिछले 10 सालों से श्मशान घाट में लगा रहा है पेड़-पौधे - ईटीवी भारत
ईटीवी भारत को राकेश कुमार ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से अपने निजी खर्चे से बिना किसी लालच के श्मशान घाट में गुलाब के फूलों के साथ साथ आम, अमरूद, लीची, अंजीर, सागवान, बरगद, पीपल जैसे पेड़ों को लगाते हैं.
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचने के लिए और लाॅकडाउन का पालन करने के लिए लोग अपने घरों में बैठे हुए हैं. लेकिन वहीं दूसरी ओर मुरादनगर कस्बे के राकेश कुमार नाम के शख्स जो रोज सुबह उठकर श्मशान घाट जाते है और मुरादनगर कस्बे के मोक्ष द्वार श्मशान घाट में जाकर पेड़-पौधे लगाकर यहां आने वाले लोगों के लिए छाए की व्यवस्था कर हरियाली की इबारत लिख रहे हैं. जिसको लेकर इनसे ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
पेड़ पौधे लगाकर मन को मिलती है संतुष्टि
ईटीवी भारत को राकेश कुमार ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से अपने निजी खर्चे से बिना किसी लालच के श्मशान घाट में गुलाब के फूलों के साथ साथ आम, अमरूद, लीची, अंजीर, सागवान, बरगद, पीपल जैसे पेड़ों को लगाते हैं. वह घर का खर्चा चलाने के लिए बुक बाइंडिंग के साथ-साथ मुरादनगर की एक लोकल फैक्ट्री में सोफे की कटिंग करने का काम भी करते हैं.