नई दिल्ली/गाजियाबाद:कहते हैं किसान बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना देता है. ऐसे में अगर बात करें दिल्ली-यूपी बार्डर यानी कि यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन की, तो यूपी गेट पर किसानों ने एक छोटा सा गांव बसा डाला है. करीब तीन हफ्ते से अधिक से किसानों का कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर आंदोलन जारी है. किसानों द्वारा बसाए गए इस छोटे से गांव में खाने-पीने समेत इलाज की तमाम सुविधाएं मौजूद हैं.
किसानों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं ये भी पढ़ें:- किसान आंदोलन का कारोबार पर पड़ा बुरा असर, 50-70% व्यापार हुआ कम
दिल्ली यूपी बॉर्डर (यूपी गेट) पर बीते तीन हफ्ते से अधिक से किसानों का आंदोलन जारी है. किसान मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस लें और एमएसपी को लेकर कानून बनाए. हजारों की संख्या में यूपी गेट पर किसान मौजूद हैं. ऐसे में प्रदर्शनकारी किसानों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं भी दी जा रही हैं.
पंजाब और राजस्थान के डॉक्टर मुफ्त इलाज कर रहे
पंजाब ,राजस्थान समेत अन्य राज्यों के डॉक्टर किसान आंदोलन में पहुंचकर किसानों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मुहैया करा रहे हैं. यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में केवल प्राथमिक चिकित्सा ही नहीं बल्कि तमाम प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं. आंदोलन में निःशुल्क आंखों की जांच, शुगर जांच, ब्लडप्रेशर की जांच, फिजियोथेरेपी आदि मेडिकल सुविधाएं मौजूद हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में डॉक्टर ने नेंसप्रीत ने बताया कि लुधियाना के आल सेंट्स कॉलेज से किसानों को मेडिकल सुविधा देने के लिए डॉक्टर्स की टीम आई है.जिसमें 26 डॉक्टर शामिल हैं. किसानों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है.
कमर दर्द के अधिकतर मरीज
राजस्थान के कोटा से किसान आंदोलन में पहुंचे डॉ. विनय नवीन गुलाटी ने बताया कि किसान आंदोलन में काफी संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में कमर दर्द के अधिकतर मरीज सामने आ रहे हैं. इनका फिजियोथैरेपी के माध्यम से इलाज किया जा रहा है. किसान देश की रीढ़ की हड्डी है और हमें खाना देता है. हमे किसान के साथ खड़ा रहना चाहिए.