दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

एनसीआर में 'खतरनाक' हो रही वायु गुणवत्ता, स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी की आशंका - दिल्ली एनसीआर प्रदूषण

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिये मुसीबत बनता जा रहा है. ऐसे में कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है. आइये जानते हैं कि प्रदूषण में किस तरह की बीमारियां हो सकती है और इनसे निबटने के क्या हैं उपाय...

delhi ncr pollution
delhi ncr pollution

By

Published : Nov 6, 2021, 2:07 PM IST

नई दिल्ली/गाज़ियाबादः वायु प्रदूषण से जन जीवन में स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है. इस विकट समस्या का निदान कैसे करें, यह सबसे बड़ी चुनौती है. हाल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने 450-500 का निशान पार कर लिया है, जो बहुत अधिक खतरनाक स्तर है.

हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रिक डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो और डाइआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ें-दिल्ली में 500 पार बना हुआ है AQI, हालात बेहद चिंताजनक

आंखों में जलन, पानी आना और लाल होना, नाक बंद रहना, नाक बहना, बार-बार छींक, सिरदर्द, सांस फूलना, खांसी, छाती में भारीपन जैसे लक्षणों से आप समझ सकते हैं कि हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है और इससे बचने की जरूरत है. ये लक्षण कितने गंभीर होंगे, यह प्रदूषण के स्तर, एक्सपोजर (प्रत्यक्ष सामना) और निजी स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करेगा. परिवेश में प्रदूषण की अधिकता से दिल का दौरा, स्ट्रोक और सीओपीडी का खतरा भी बढ़ता है.

ये भी पढ़ें-Dark Red Zone में पहुंचा गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर, 486 AQI के साथ ज़हरीली हुई हवा

मैक्स अस्पताल, वैशाली में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉक्टर शरद जोशी ने बताया कि हमारे फेफड़ों पर वायु प्रदूषण का असर इस पर निर्भर करता है कि हवा में किस प्रकार के प्रदूषक हैं और उनका क्या मिश्रण है. प्रदूषक कितना सघन है और आपके फेफड़ों में कितनी मात्रा में प्रदूषक पहुंच रहे हैं. विशेषकर इन दिनों भयानक स्मॉग और प्रदूषण की वजह से धूम्रपान नहीं करने वालों को भी सीओपीडी और फेफड़ों की अन्य जानलेवा बीमारियों का बहुत खतरा है.

स्वास्थ्य के इन दुष्परिणामों से बचने का सबसे सही समाधान प्रदूषकों के प्रत्यक्ष प्रकोप से बचना, अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना (हवा शुद्ध करने का प्राकृतिक उपाय), दहन (जैसे पराली जलाना और वाहन प्रदूषण) को रोकना है.

विश्वसनीय खबरों के लिये करें ईटीवी भारत एप डाउनलोड

ABOUT THE AUTHOR

...view details