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गाजियाबाद किसानों ने जीडीए के बाहर लगाया बोरिया बिस्तर, कहा- जीडीए के बाहर बना देंगे गाजीपुर बॉर्डर

किसानों का आरोप है कि साल 2014 में उनकी जमीनें उनसे फाइनली ले ली गई थी. जिस के संबंध में जो वादे किए गए थे, वह पूरे नहीं हुए थे. मुआवजे को लेकर भी कुछ वादे थे, जिनमें कमियां रह गईं.

clash between farmers and police outside Ghaziabad Development Authority
clash between farmers and police outside Ghaziabad Development Authority

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Published : Dec 20, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 10:44 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बाहर किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई. किसानों ने चेतावनी दी है, कि जीडीए के बाहरी हिस्से में गाजीपुर बॉर्डर जैसा धरना स्थल बना देंगे. भारी संख्या में किसान जीडीए के बाहर एकत्रित हो गए हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है.

मामला गाजियाबाद के नेशनल हाईवे 9 के पास वेव सिटी से जुड़े किसानों का है. दरअसल, किसानों का आरोप है कि साल 2014 में उनकी जमीनें उनसे फाइनली ले ली गई थी. जिस के संबंध में जो वादे किए गए थे, वह पूरे नहीं हुए थे. मुआवजे को लेकर भी कुछ वादे थे, जिनमें कमियां रह गईं.

प्रदर्शन करते किसान.

मामला कोर्ट में भी चला गया. कई बार प्रशासन से भी आग्रह किया, लेकिन आरोप है कि सुनवाई नहीं हुई. बार-बार मांग करते हुए किसान जब थक गए तो उन्होंने चेतावनी दे दी थी कि वह अनिश्चितकालीन धरना करेंगे, लेकिन उस चेतावनी पर भी जब किसी का ध्यान नहीं गया तो सोमवार को किसान गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर के पास पहुंच गए.

मौजूद किसान.

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दफ्तर के बाहर ही उन्होंने अपना बोरिया बिस्तर लगा लिया. पुलिस ने जब इन्हें रोकने की कोशिश की तो इनकी नोकझोंक पुलिस के साथ हुई. किसानों ने साफ कहा है कि गाजीपुर बॉर्डर जैसा धरना स्थल अब जीडीए के बाहर बना दिया जाएगा. हालांकि पुलिस अधिकारियों और प्रशासन के अधिकारी उन्हें समझाने में जुटे हुए हैं.

किसान नेता.

कुछ दिन पहले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण दफ्तर में बापूधाम इलाके के किसानों ने ताला लगा दिया था. बापूधाम प्रोजेक्ट में जिन किसानों की जमीन गई थी उनका भी यही आरोप था कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला.

किसानों और पुलिस में नोकझोंक.

ऐसे में गाजियाबाद जिले में अलग-अलग जगह के किसान लगातार गुस्से में नजर आ रहे हैं, और प्रदर्शन कर रहे हैं. सभी जगह से लगभग किसानों के आरोप गाजियाबाद विकास प्राधिकरण पर हैं और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का दफ्तर ही उनका मुख्य टारगेट बना हुआ है. ऐसे में जीडीए की तरफ से इन मामलों पर अभी कोई ठोस बात सामने नहीं आई है. देखना यह होगा कि गुस्से में आए किसानों को प्रशासन और जिले के अधिकारी किस तरह से समझा पाते हैं.

प्रदर्शन करते किसान.

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर धरना दे रहे किसानों से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुलाकात की, जिसके बाद धरना खत्म हो पाया. जीडीए के सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि किसानों ने बताया कि वेवसिटी वालों के साथ 2014 में किसानों के कुछ समझौते हुए थे, जो 14 बिंदुओं पर थे. किसानों का आरोप है कि समझौते का अनुपालन वेवसटी की तरफ से नहीं किया गया है. वेव सिटी से भी उन्ही 14 बिंदुओं पर बात की जा चुकी है. जिसकी जानकारी वेव सिटी के द्वारा जीडीए को दी गई है. उसी जानकारी को किसानों तक पहुंचाया गया है. किसान अपना पक्ष दोबारा रखेंगे. जिसके लिए 23 तारीख का वक्त मुकर्रर किया गया है. अगर जरूरत पड़ेगी तो वेव सिटी के अधिकारियों को बुलाकर भी किसानों की वार्ता करवा दी जाएगी.

जानकारी देते जीडीए के सचिव ब्रजेश कुमार.
Last Updated : Dec 20, 2021, 10:44 PM IST

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