नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के जावली गांव में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक जावली गांव के 396 किसानों को इस योजना का लाभ मिला है. जबकि जावली गांव के महज 8 से 10 लोगों को ही इस योजना का वास्तविक लाभ मिल रहा है.
RTI कार्यकर्ता और आयोग की रिपोर्ट में फर्क
इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना ने बताया कि उन्होंने 2 महीने पहले सूचना आयोग से जावली गांव में किसानों को मिल रहे किसान सम्मान निधि योजना के तहत जानकारी मांगी थी. सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जावली गांव के 396 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि सूचना आयोग ने जो सूची उपलब्ध कराई है उसमें केवल 8 से 10 लोग ही ऐसे हैं जो वास्तव में किसान हैं या जावली गांव के रहने वाले हैं.
आरटीआई एक्टिविस्ट महकार कसाना
डीएम तक पहुंची मामले की शिकायत
एक्टिविस्ट कसाना ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी से की गई है, क्योंकि इतना बड़ा घोटाला अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है. जिनके लिए ये योजना है उन्हें इस योजना का लाभ ही नहीं मिल रहा बल्कि बाहरी लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है जो कि बहुत दुखद है.