नई दिल्ली/गाजियाबाद:देश में 30 जून तक अनलॉक 1 जारी है. वहीं शादी-विवाह का सीजन भी चल रहा है. ऐसे में शादी का मतलब है 'नो बैंड, बाजा और बारात'. दरअसल कोरोना वायरस के कारण ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है.
बैंड बाजे वालों को लाखों का नुकसान इसलिए कई लोग शादी का कार्यक्रम आगे के लिए टाल रहे हैं. वहीं जो एक-दो शादियां जो हो रही हैं उनमें बहुत कम लोग शामिल हो रहे हैं. ऐसे में शादी कार्यक्रम में चार चांद लगाने वाले बैंड बाजा का कारोबार करने वाले लोगों के हालात कैसे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने बैंड बाजे का काम करने वाले लोगों से खास बातचीत की.
बेकार हुआ शादी का सीजन
ईटीवी भारत को बैंड बाजे का काम करने वाले इनाम ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनके काम पर फर्क पड़ रहा है. मार्च-अप्रैल मई और जून का शादी का लास्ट सीजन था. इसके बाद 4 महीने तक बरसात का मौसम आ जाएगा. इसलिए इस बार उनका शादी का सारा सीजन बेकार हो गया है.
घोड़ी बग्गी वाले हुए बेरोजगार
इसके साथ ही बैंड बाजे का काम करने वाले इनाम ने बताया कि उनके साथ बग्गी घोड़ी का काम करने वाले और भी परिवार जुड़े हुए थे, अब वह भी बेरोजगार हो गए हैं. इसीलिए वे सरकार से अपील करते हैं कि सरकार बैंड बाजे का काम करने वाले लोगों के बारे में भी कुछ सोचना चाहिए.