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बखरवा अग्निकांड: मुआवजे की मांग को लेकर पीड़ितों ने मोदीनगर तहसील पर दिया धरना - Ghaziabad Police

मोदीनगर के बखरवा अग्निकांड के पीड़ितों का कहना है कि घायलों को प्रशासन की ओर से अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है. इसलिए वह आज मुआवजे की मांग को लेकर तहसील में धरना दे रहे हैं.

Bakharwa fire: Victims protest on Modinagar Tehsil for compensation
बखरवा अग्निकांड: मुआवजे की मांग को लेकर पीड़ितों ने मोदीनगर तहसील पर दिया धरना

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Published : Aug 13, 2020, 4:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:मोदीनगर के बखारवा गांव में 5 जुलाई को अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी. जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस पूरे मामले पर गाजियाबाद प्रशासन ने मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा की थी. लेकिन, अब घायल पीड़ितों का आरोप है कि उनको अभी तक सरकार या प्रशासन द्वारा मुआवजा नहीं मिला है. इसीलिए मुआवजे की मांग को लेकर वह मोदीनगर तहसील पर धरना कर रहे हैं. इसी को लेकर बखारवा पीड़ितों से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत.

पीड़ितों ने मोदीनगर तहसील पर दिया धरना
ईटीवी भारत को पीड़ित आरती ने बताया कि बखरवा अग्निकांड में घायलों और 10 में से एक मृतक के परिजनों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है. इसीलिए वह लोग मोदीनगर तहसील पर धरना कर रहे हैं और वह अपना मुआवजा लेकर ही जाएंगे.
घायलों को नहीं मिला मुआवजा
ईटीवी भारत को अग्निकांड में घायल मीनाक्षी ने बताया कि उनको घटना होने के बाद प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि मुआवजा दिया जाएगा. लेकिन उनको अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है. पैसों की कमी होने की वजह से वह अपना पूरा इलाज नहीं करा पा रही हैं. उन्होंने बताया कि इस अग्निकांड में लगभग 12 से 13 लोग घायल हुए थे. जिनमें से अब तक किसी को भी मुआवजा नहीं मिला है.

मुआवजे की मांग

पीड़ितों ने उठाया अस्पताल का खर्च
ईटीवी भारत को पीड़ित अनीता ने बताया कि उन्होंने अपना इलाज कर्जा लेकर कराया है. उनको प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि उनके इलाज का खर्चा उठाया जाएगा. लेकिन उनको अब तक कोई पैसे नहीं मिले हैं. जिसकी वजह से उनका इलाज रुका हुआ है.
पैसे के अभाव में अधूरा हुआ इलाज
अवैध पटाखा फैक्ट्री में लगी आग में झुलसी पीड़िता ने बताया कि वह महीनों से अस्पताल में रही है जिसका उन्होंने स्वयं इलाज कराया है लेकिन हमको अब तक प्रशासन की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला है.
प्रशासन ने की थी मुआवजे की घोषणा
मोदीनगर तहसील पर पीड़ितों के साथ धरने में शामिल पूर्व जिला पंचायत सदस्य बबली गुर्जर ने बताया कि गांव में जब इतना बड़ा अग्निकांड हुआ था. मौके पर जिलाधिकारी के साथ प्रशासन के आला अधिकारी पहुंचे थे. जिनको गांव वालों ने अपनी समस्या बताई थी. जिस पर जिलाधिकारी ने मृतकों को 4-4 लाख रुपये घायल को 50000 हजार रुपये और अस्पताल में इलाज का पूरा खर्च उठाने की बात कही थी. लेकिन अब तक एक मृतक के परिजनों को और एक भी घायलों को मुआवजा नहीं मिला है. इसीलिए आज आर-पार का निर्णय लेकर वह तहसील में बैठने हैं. जब तक उनको मुआवजा नहीं मिलेगा वह नहीं जाएंगे.
सरकार से मिलने के बाद दिया जाएगा मुआवजा
ईटीवी भारत को समाजसेवी अनिल गौतम ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर जब वह प्रशासन के अधिकारियों से मिले तो उनको आश्वासन मिला है कि उन्होंने फाइल लखनऊ के लिए भेज दी है. जैसे ही शासन से पैसे मिलेंगे उनको भेज दिए जाएंगे. लेकिन अब डेढ़ महीना होने जा रहा है. किसी भी पीड़ित को कोई आर्थिक नहीं मिली है.

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