नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट से जुड़े मजदूर लकड़ियां एकत्रित करके उन्हें जला रहे हैं और फिर उन पर रोटियां बना रहे हैं. लकड़ियों का धुआं आंखों को जला रहा है. मजदूरों की ये व्यथा आपकी आंखों में आंसू ला देगी. मजदूरों का रोजगार पूरी तरह से खत्म हो चुका है और वो फंसे हुए हैं. गाजियाबाद प्रशासन की ओर से कोई मदद भी नहीं पहुंच पा रही है.
उधार के भरोसे पक रही है रोटियां!
मजदूरों की संख्या ज्यादा है और मदद ना के बराबर है. इसलिए कहीं से थोड़ा बहुत आटा एकत्रित किया और फिर लकड़ियां एकत्रित करके उन्हें जला लिया. इस पर ही रोटी बना रहे हैं. आंखों में लकड़ी से उठने वाला धुआं आंखें जला देता है. ऊपर से भीषण गर्मी परेशान करती है. कुछ दिनों तक उधार मांग कर भी खाने-पीने का सामान एकत्रित किया. लेकिन अब उधार मिलना भी बंद हो गया है. फिर भी कठिन परिस्थिति में डटे हुए हैं.
पशुओं के खाने की भी व्यवस्था में जुटे
जिस ट्रांसपोर्ट एरिया में ये फंसे हैं. वहां पर कुछ पशु भी मौजूद हैं और ये मजदूर उन पशुओं के खाने की व्यवस्था भी कर रहे हैं. इससे इनका देश के प्रति जज्बा नजर आता है. साथ ही इनकी मानसिक मजबूती भी नजर आती है. मजदूरों ने हमारे माध्यम से सरकार से गुहार लगाई है, कि उनकी कोई मदद की जाए.