नई दिल्ली: कोरोना महामारी को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने समीक्षा बैठक बुलाई. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव समेत स्वास्थ्य विभाग और डिजास्टर मैनेजमेंट के आला अधिकारी शामिल हुए. बैठक में कोरोना के बढ़ते मामले पर चिंता जताई गई. अब आगे सरकार क्या कदम उठाने जा रही इस पर भी मंथन हुआ.
प्रवासी श्रमिकों के पलायन पर भी चर्चाउपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी प्रवासी श्रमिकों के पलायन को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से मुख्य सचिव विजय देव ने बताया कि दिल्ली से अन्य राज्यों को जाने वाले करीब 60000 श्रमिकों ने अपना पंजीकरण कराया है. फिलहाल 12000 प्रवासी श्रमिकों जो दिल्ली सरकार के शेल्टर में ठहरे हुए हैं, उनको भेजा जा रहा है. इनमें से 3500 श्रमिकों को बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर भेजा जा चुका है.विदेश से दिल्ली आए हैं उनके ठहरने के लिए 2300 कमरों का इंतजाम किया गया है. ये यहां कोरेन्टीन में रहेंगे.
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रचार
उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग को सलाह दी कि कोरोना के प्रसार को रोकने और इसके उपचार के लिए अधिक से अधिक कोविड अस्पताल, कोविड हेल्थ केयर सेंटर और टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए जाएं. साथ ही भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर एक व्यापक योजना बनाई जाए.
दिल्ली आने वाले लोगों की जांच के निर्देश
उपराज्यपाल ने दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट के निर्देश दिया कि दिल्ली की सीमा में आने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच सुनिश्चित करें. इसमें किसी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए. कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षक आदि जो वायरस के प्रसार को रोकने के दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हम सब का प्रयास होना चाहिए कि सभी फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर की सुरक्षा से कोई समझौता ना हो.
उपराज्यपाल ने लॉक डाउन के दौरान दिल्ली के लोगों की एकजुटता की भी सराहना की और लोगों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए मूल मंत्र 2 गज की दूरी एवं जान भी जहान भी, को आत्मसात करें. उन्होंने आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप के भी उपयोग करने की अपील की है.