वॉशिंगटन: वर्ल्ड बैंक ने भारत को 1.5 बिलियन डॉलर की रकम देने के लिए मंजूरी दे दी है. शुक्रवार को जारी एक प्रेस रिलीज में वर्ल्ड बैंक ने कहा यह राशि भारत में कार्बन-उत्सर्जन को कम करने के लिए इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद करेगी. इस राशि का इस्तेमाल भारत रिनेबल एनर्जी जैसे ग्रीन हाईड्रोजन और दूसरे प्रोजेक्ट्स के विकास कार्यों पर खर्च करेगा.
वर्ल्ड बैंक ने कहा भारत तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. जैसे-जैसे इसकी अर्थव्यवस्था ग्रो करेगी, वैसे ही देश में एनर्जी की खपत बढ़ेगी. वर्तमान में, देश की प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत वैश्विक औसत का केवल एक-तिहाई है. भारत का लक्ष्य 2070 तक नेट जीरो हासिल करना है.
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन पर चल रहा काम
वर्ल्ड बैंक ने दोहराया कि वह ग्रीन हाइड्रोजन विकसित करने में भारत का समर्थन करेगा. कम कार्बन वाली हाइड्रोजन ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित की जाती है. भारत ने जनवरी की शुरुआत में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी, जिसका लक्ष्य देश को ऐसी प्रौद्योगिकियों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है. इस मिशन को पूरा करने के लिए शुरुआती खर्च 19,744 करोड़ रुपये आंका गया है. जिसमें प्रोजेक्ट के रिसर्च और विकास से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं.