नई दिल्ली : हवाई सफर जल्द ही और महंगा हो सकता है. निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने ईंधन की बढ़ती कीमतों और रुपये की गिरती कीमत पर चिंता जताते हुए इसके संकेत दिए हैं. दरअसल तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) में 16.3 फीसदी की बढ़ोतरी की है. कंपनी की ओर से एक बयान में कहा गया है कि 10 से 15 फीसदी किराया बढ़ाने की जरूरत है.
स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि विमान ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी और रुपये के अवमूल्यन की वजह से घरेलू विमानन कंपनियों के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है. सिंह ने एक बयान में कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है.
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च 2020 में लगाए गए दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को जब हवाई सेवाएं बहाल हुई थीं तब सरकार ने विमान उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराये की निम्न और उच्च सीमा निर्धारित की थी. वहीं रूस और यूक्रेन के बीच इस वर्ष 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
सिंह कहा, 'जून 2021 के बाद से विमान ईंधन के दाम में 120 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. दामों में बड़े पैमाने पर हुई यह वृद्धि वहनीय नहीं है और केंद्र तथा राज्यों की सरकारों को विमान ईंधन पर कर कम करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए. हमने पिछले कुछ महीनों में इस ईंधन मूल्य वृद्धि का अधिक से अधिक बोझ उठाने की कोशिश की है.' उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से भी विमानन कंपनियों पर बहुत असर पड़ा है.
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