हैदराबाद :एक आम व्यक्ति हो या संस्था या कोई सरकार सबों की आमदनी और खर्च बदलता रहता है. कुछ खर्चों का पूर्वानुमान संभव है. आपदा या किसी अन्य जोखिम के कारण आने वाले खर्चों का पूर्वानुमान संभव नहीं है. भविष्य के खर्चों और आपदा के समय अपने आर्थिक जरूरतों को बचत के माध्यम से पूरा किया जा सकता है. बेहतर वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से मासिक/रोजना होने वाले आय का एक हिस्सा को अपनी सुविधानुसार बचत करना चाहिए. बचत छोटा या बड़ा किसी भी रूप में संभव है. इसी को ध्यान में रखकर हर साल 30 अक्टूर को अंतरराष्ट्रीय बचत दिवस मनाया जाता है.
भारत में एक दिन पहले मनाया जाता है विश्व बचत दिवस
The World Savings and Retail Banking Institute-WSBI (डब्लूएसबीआई) के अनुसार का विश्व बचत दिवस 31 अक्टूबर को मनाया जाता है. 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद से भारत में विश्व बचत दिवस 30 अक्टूबर को मनाया जाता है.
विश्व बचत दिवस का इतिहास
अक्टूबर 1924 में इटली के शहर मिलान में पहला अंतरराष्ट्रीय सेविंग बैंक कांग्रेस का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन सेविंग बैंकों की इंटरनेशल सोसाइटी की ओर से किया गया था. आयोजन के दौरान वक्ताओं ने बचत की जरूरत पर फोकस किया. इटली के प्रोफेसर Filippo Ravizza ने अंतिम दिन 31 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय सेविंग दिवस घोषित किया. इसके बाद से औपचारिक रूप से कुछ देशों में इसका आयोजन किया जाता था. इंटरनेट क्रांति के बाद वित्तीय संस्थाओं की ओर से निवेश को बढ़ाने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय सेविंग दिवस या विश्व सेविंग दिवस मनाया जाता है.
सेविंग स्कीम पर ज्यादा लाभ के चक्कर में न पड़ें
समय के आधार पर सेविंग स्कीम मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं. पहला छोटी अवधि के लिए. दूसरा मध्यम अवधि के लिए और तीसरा लंबी अवधि के लिए. सबों का अपना फायदा और नुकसान है. इन सबों के लिए रिर्टन की दर अलग-अलग होता है. दूसरी ओर कई बचत योजनाएं हैं जो सीधे बाजार जोखिमों पर आधारित होता है. आम जनता से पैसा लेकर वित्तीय कंपनियां बाजार में निवेश करती हैं. वहां होने वाले उतार-चढ़ाव का असर निवेशकर्ताओं पर सीधे तौर पर पड़ता है. सभी बचत योजनाओं का निर्धारण व निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक के हाथों में होता है. कई बार कई फर्जी वित्तीय संस्थाएं ज्यादा रिटर्न का लाभ दिखाकर निवेशकों से पैसा वसूलते हैं, लेकिन निवेशकर्ता को न तो मूलधन मिलता है न हीं उस पर रिटर्न मिल पाता है. सेविंग जरूर करें लेकिन ज्यादा लाभ के चक्कर में न पड़ने से बचें या कहें निवेश से पहले सत्यापन जरूर करें.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- वित्तीय क्षमता और जरूरतों को ध्यान में रखकर निवेश की योजना बनायें
- निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- निवेश के संबंध में वित्तीय जोखिम को पढ़ें
- निवेश से पहले रिटर्न के बारे में उचित सोर्स से पता करें
- निवेश के लिए वित्तीय संस्था चयन से पहले सत्यापन करें
- ऑन लाइन बैंकिग या निवेश हरबार बैंक के आधिकारिक पोर्टल/साइट पर करें
- बैंकिंग एप को बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड करें
- किसी अनजान लिंक को क्लीक कर निवेश न करें
- किसी भी स्थिति में OTP/CCV/Password किसी को शेयर नहीं करें.