मुंबई: घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही. निवेशकों ने भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले देखो और इंतजार करो का रुख अपनाया है. कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से दबाव बढ़ा है. हालांकि, रुपया के मूल्य में कुछ सुधार से थोड़ी राहत मिली है. रिजर्व बैंक शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा.
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 188.32 अंक यानी 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,409.96 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 57,166.14 अंक तक गया और नीचे में 56,314.05 अंक तक आया. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 40.50 अंक यानी 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,818.10 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एशियन पेंट्स सबसे अधिक 5.22 प्रतिशत चढ़ा. इसके अलावा टेक महिंद्रा, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, विप्रो और बजाज फिनसर्व प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, डॉ. रेड्डीज, टाटा स्टील, सन फार्मा और नेस्ले इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एनटीपीसी शामिल हैं. इनमें 2.51 प्रतिशत तक की तेजी रही.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख तथा रुपये के मूल्य में गिरावट से घरेलू बाजार में शुरुआती तेजी थोड़ी देर के लिये ही रही. चूंकि भारत और अमेरिका के बीच बॉन्ड प्रतिफल में अंतर कई साल के निचले स्तर 3.48 प्रतिशत पर आ गया, अत: विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा, दुनिया के विभिन्न देशों में केंद्रीय बैंक आक्रामक रूप से ब्याज दर बढ़ा रहे हैं. ऐसे में बाजार आरबीआई के नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है. निवेशक उत्सुकता से बैंकों में नकदी बढ़ाने, मुद्रा में गिरावट को रोकने के लिये रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप तथा मौद्रिक रुख तथा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) परिदृश्य पर बयान का इंतजार कर रहे हैं.