नई दिल्ली: इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन आईएसए (Indian Steel Association 'ISA') ने कहा कि निकट भविष्य में भारत कोकिंग कोयला निर्यात करने वाला सबसे बड़ा डेस्टिनेशन बना रहेगा. उद्योग संगठन आईएसए ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर घरेलू इस्पात उद्योग पर पड़ रहा है. कोकिंग कोयला एक प्रमुख कच्चा माल है जिसका उपयोग ब्लास्ट फर्नेस मार्ग के माध्यम से स्टील के निर्माण के लिए किया जाता है. इंडियन स्टील एसोसिएशन (ISA) के अध्यक्ष दिलीप ओमन ने सोमवार को कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग विभिन्न प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके कोकिंग कोयले के उपयोग के लिए स्थायी रास्ते तलाशने के तरीके और साधन ढूंढ रहा है.
कोकिंग कोल शिखर में ISA अध्यक्ष ने क्या कहा?
आईएसए कोकिंग कोल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भारत सबसे बड़ा कोकिंग कोयला निर्यात लक्ष्य बना रहेगा, एक तो घरेलू इस्पात की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण और दूसरा चीन अपने संसाधनों पर अधिक निर्भर होगा. ओमन ने कहा कि भारतीय स्टील कंपनियों ने पहले ही बीएफ-बीओएफ मार्ग में नई क्षमताओं की योजना बनाई है, उन्होंने कहा कि भारत में, बीएफ-बीओएफ (ब्लास्ट फर्नेस) उत्पादन मार्ग का 46 फीसदी हिस्सा है, जबकि ईएएफ (इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस) 22 फीसदी है. आईएफ (इंडक्शन फर्नेस) में थर्मल कोयले का उपयोग 32 फीसदी है.