नई दिल्ली : भारत के कॉरपोरेट इतिहास की सबसे बड़ी डील, एचडीएफसी लिमिटेड में एचडीएफसी बैंक का मर्जर 1 जुलाई यानी आज से प्रभावी हो रहा है. इस सौदे को पूरा करने में एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख की अहम भूमिका रही है. लेकिन इस डील के प्रभावी होने से ठीक पहले यानी 30 जून को दीपक पारेख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने शुक्रवार को शेयरहोल्डर्स के नाम एक पत्र लिखकर इसका ऐलान किया.
शेयरहोल्डर्स को लिखे अपने पत्र में पारेख ने कहा है 'टाइम टू हैंग माई बूट्स'. 78 साल के पारेख एचडीएफसी ग्रुप से 46 सालों से जुड़े हुए थे. अपने पत्र में उन्होंने आगे लिखा, इस मर्जर के बाद HDFC Bank और भी ताकतवर हो जाएगा. जिसमें अब होम लोन भी शामिल होगा. ऐसे में बैंक के पास देश के लाखों लोग ऐसे होंगे जिनके पास एचडीएफसी का होम लोन होगा. बता दें कि मर्जर के बाद बैंक के पास करीब 12 करोड़ ग्राहक हो गए.
पारेख ने अपने पत्र में बैंक के भविष्य के प्रति आशावादी होते हुए अपने शेयरहोल्डर्स से कहा कि यह मेरा आखिरी संवाद होगा. लेकिन इस बात के लिए निश्चिंत रहें, हम ग्रोथ के एक रोमाचंक भविष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं. एचडीएफसी में काम करते हुए अपने अनुभव के बारे में पारेख ने लिखा कि यहां का मिला अनुभव अमूल्य है. हमारे इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता है, हमारी विरासत आगे बढ़ाई जाएगी.