नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) की 31 पीठें अधिसूचित की हैं, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित की जाएंगी. जीएसटीएटी की राज्य-स्तरीय पीठों की स्थापना से व्यवसायों से जुड़े विवादों का तेजी से निपटारा संभव हो पाएगा.
वर्तमान में कर अधिकारियों के फैसले से असंतुष्ट करदाताओं को संबंधित उच्च न्यायालयों का रुख करना पड़ता है. मामले निपटने में लंबा समय लगता है क्योंकि उच्च न्यायालय पहले से ही लंबित मामलों के बोझ से दबे हुए हैं और उनके पास GST मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष पीठ नहीं है.
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि जीएसटी न्यायाधिकरण देय कर मामलों को सुलझाने के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि यह कर विवादों के निपटान के लिए एक निष्पक्ष, विशेषज्ञ और कुशल मंच प्रदान करते हैं. पहले चरण में सरकार ने 31 पीठें अधिसूचित की हैं.