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RBI Digital Loan Policy: लोन रिकवरी के लिए एजेंट नहीं करेंगे परेशान, RBI ने बनाया ये नियम - डिजिटल लोन की रिकवरी

देश में डिजिटल लोन सेक्टर में फर्जीवाड़े को रोकने, ग्राहकों को सहूलियत देने के मकसद से Reserve Bank of India (RBI) ने डिजिटल लोन की रिकवरी से जुड़े नए नियम लाए हैं. जिससे कंपनियां अब लोगों को रिकवरी के लिए परेशान नहीं करेंगी. क्या है वो नियम आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में.

Reserve Bank of India
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

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Published : Feb 16, 2023, 2:24 PM IST

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ने डिजिटल कर्ज देने वाली कंपनियों को रिकवरी करने के लिए नए दिशा- निर्देश दिए हैं. अगर कोई व्यक्ति कर्ज की किस्त चुकाने में असफल होता है तो उसकी रिकवरी के लिए कंपनी को कर्जदार के पास रिकवरी एजेंट की जानकारी पहले से देना अनिवार्य होगा. रिकवरी एजेंट की जानकारी के बाद से ही कर्जदार से वसूली की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. पर ऐसे में सवाल उठता है कि आरबीआई को ऐसा कदम उठाने की जरुरत क्यों पड़ी.

RBIने बैंक कर्ज के नियम बदलें :डिजिटल रिकवरी को लेकर तमाम सारे सवाल थे. रिकवरी एजेंट जिस तरह से कर्जदारों से पैसे की वसूली करते थे, कई जगहों पर आत्महत्या तक के मामले देखने को मिलते थे. जिस तरह का उत्पीड़न वो करते थे, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पिछले एक साल से इस बारे में सोच रहा था. कई सारे दिशा- निर्देश दे रहा था. लेकिन अब जो दिशा-निर्देश आए हैं, उसमें बड़ी स्पष्टता है. इस तरह से आरबीआई डिजिटल लोन के तौर तरीको के बारे में एक मॉडल सेट करने की कोशश कर रहा है.

RBI के नए नियममें स्पष्टता ये है कि अगर रिकवरी एजेंट भेजा जाएगा, तो उसके बारे में जानकारी देनी होगी और इसके साथ ही जिसने लोन ले रखा है, उसे रिकवरी एजेंट के संबंध में अपने अधिकार सुरक्षित रखने की कोशिश की जायेगी. अभी तक इस पूरे मामले में बहुत कुछ क्लीयर नहीं था. बैंक और कर्ज देने वाली कंपनियां अपने तरह से वसूली करती थी. RBI की कोशिश है कि इसमें कुछ पार्दशिता और स्पष्टता लाई जाए.

RBI के लाए नए दिशा निर्देश में और क्या कुछ खास है:Reserve Bank of India जो नए नियम लेकर आई है उसका दूसरा हिस्सा ज्यादा महत्वपूर्ण है. RBI डिजिटल लैंडिंग और App को लेकर बैंक इन वित्तीय कंपनिज के साथ लगातार चर्चा में है. RBI ने जो नए नियम जारी किए हैं, उसमें अब डेबिट कार्ड और credit card के अगेंस्ट जो लोन लिए जा रहे हैं उन्हें अब डिजिटल लोन की केटेगरी में रखा जाएगा. आमतौर पर वो लोन रखने के संकेत दिए गए हैं, जो जिनके पीछे कोई कोलेटरल नहीं होता है. डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के बदले आप जब खरीदारी करते हैं, उसका जो पेमेंट EMI से होता है, वो कर्ज भी अब Digital Lending के दायरे में आएगी.

RBI ने एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है बैंकों और वित्तिय संस्थानों के लिए. इसके साथ ही जो लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर हैं, या फिर डिफरेंट पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर हैं, मसलन मोबाईल वोलेट पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर, ये भी अगर किसी कंपनी या खुद को भी जो लेंडिंग सर्विस देती हैं वो डिजिटल लोन के दायरे में आएगा. धीरे धीरे डिजिटल लोन को लेकर नियम साफ और स्पष्ट होने लगे हैं.

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