नई दिल्ली: भारतीय विमानन नियामक DGCA ने स्पाइसजेट पर लगे 50% उड़ान संचालित करने के प्रतिबंध को हटा लिया है. त्योहारी सीजन को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यह फैसला लिया है. 30 अक्टूबर से 25 मार्च 2023 तक चलने वाले विंटर शेड्यूल से, स्पाइसजेट की फ्लाइट पूरी क्षमता के साथ उड़ान भर सकती हैं.
डीजीसीए ने बीते 27 जुलाई को एयरक्रॉफ्ट रूल्स 1937 के तहत नियम 19A के आधार से कार्रवाई करते हुए स्पाइसजेट को आठ हफ्तों के लिए 50% विमान सेवाओं का ही संचालन करने की अनुमति दी थी.
वहीं, विमानन कंपनियां 30 अक्टूबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में घरेलू मार्गों पर हर सप्ताह 21,941 उड़ानें संचालित करेंगी. साप्ताहिक उड़ानों की यह संख्या पिछले शीतकालीन सत्र में संचालित प्रति सप्ताह 22,287 उड़ानों की तुलना में 1.55 प्रतिशत कम हैं. शीतकालीन कार्यक्रम 30 अक्टूबर 2022 से 25 मार्च 2023 तक प्रभावी रहेगा.
नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा, 'आगामी शीतकालीन सत्र 2022 में 105 हवाई अड्डों से प्रति सप्ताह 21,941 प्रस्थान को मंजूरी दी गई है.' इन 105 हवाई अड्डों में देवघर, शिमला और राउरकेला शामिल हैं. ये नये हवाई अड्डे हैं.' कुल 21,941 उड़ानों में इंडिगो की 10,085 और स्पाइसजेट की 3,193 उड़ानें हैं. इसके अलावा एयर इंडिया की 1990, विस्तार की 1941, एयर एशिया की 1462, गो एयर की 1390, एलायंस एयर की 1034, आकाश एयर की 479, फ्लाई बिग की 214 और स्टार एयर की 153 उड़ानें हैं.
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