नई दिल्ली : Ministry of Consumer Affairs ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के लिए गाइडलाइन जारी की है. जिसके अनुसार उन्हें एंडोर्समेंट पर डिस्कलेमर देना होगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि आज के डिजिटल समय में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के लिए दिशा- निर्देश जरुरी है. क्योंकि विज्ञापन आज केवल प्रिंट, टेलीविजन या रेडियो तक सीमित नहीं है. यह फेसबुक, ट्वीटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया तक पहुंच गया है. इसके साथ ही प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया पर असर डालने वाली जानी-मानी हस्तियों के प्रभाव में भी बढ़ोत्तरी हुई है. इंफ्लुएंसर द्वारा किए गए Advertisement का असर सोशल मीडिया यूजर्स पर पड़ रहा है.
'एंडोर्समेंट नो- हाउ' क्या है
मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन को 'एंडोर्समेंट नो- हाउ' कहा जा रहा है. जिसका मतलब है कि विज्ञापन देने वाले यूजर्स को साफ- साफ शब्दों में अपने सामान के बारे में बताएं. कोई भी फेमस सेलिब्रिटी, प्रभावशाली व्यक्ति और सोशल मीडिया पर असर डालने वाले जानी-मानी हस्ती, जिसकी यूजर्स तक अधिक पहुंच है. जो किसी उत्पाद, सेवा, ब्रांड या अनुभव के बारे में यूजर्स के निर्णयों या विचारों को प्रभावित कर सकता है, तो उसे विज्ञापनदाता के साथ किसी भी अपने भौतिक संबंध का खुलासा करना चाहिए. इसमें न केवल लाभ और प्रोत्साहन शामिल हैं, बल्कि पैसे या अन्य फायदे, ट्रेवल या होटल में ठहरना, मीडिया बाइट्स, कवरेज और पुरस्कार और रोजगार संबंध शामिल हैं.