नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-2023 के दौरान चुनावी ट्रस्टों से राजनीतिक दलों को प्राप्त दान में सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत से अधिक भाजपा को मिला है. भाजपा को 2022-23 में चुनावी ट्रस्टों से कुल 259.08 करोड़ रुपये का दान मिला है. वहीं, दुसरे नंबर पर BRS है. चुनाव सुधारों पर केंद्रित गैर-सरकारी संगठन ने बताया कि लगभग 25 प्रतिशत दान भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को गया है.
इन कंपनियों ने दिया सबसे ज्यादा दान :वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में राजनीतिक दलों को वित्त पोषण करने वाले चुनावी बांड पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चला है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, अदार पूनावाला ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) का नेतृत्व किया, और आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया सबसे ज्यादा दान देने वाली कंपनी बनकर उभरी है.
34 कॉर्पोरेट घरानों ने की सबसे ज्यादा धन राशी खर्च:एडीआर की रिपोर्ट से पता चलता है कि वित्त वर्ष 23 के लिए पांच चुनावी ट्रस्टों को योगदान मिला, जिसमें से विभिन्न राजनीतिक दलों को 366.48 करोड़ रुपये लगभग 99.99 प्रतिशत येगदान मिला है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 34 कॉर्पोरेट घरानों ने इलेक्शन के लिए 366 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च की है. रिपोर्ट से पता चलता है कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को दूसरा सबसे बड़ा दान मिला है. BRS को 90 रुपये करोड़, यानी 24.56 प्रतिशत तक मिला है.