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Adani Transmission : अडाणी ग्रुप का ₹8500 करोड़ का फंड, शेयरधारकों के फैसले पर टिका

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने गौतम अडाणी के साम्राज्य को धाराशाही कर दिया है. अडाणी ग्रुप पर कर्ज की बड़ी देनदारी है. निवेशकों का भरोसा टूट गया है. ऐसे में Adani Group अपने दो कंपनियों के शेयर बेचकर 21000 करोड़ रुपये का फंड जुटाना चाहती है. जिसके लिए अडाणी ट्रांसमिशन शेयरहोल्डर से 8,500 करोड़ रुपये फंड के लिए मंजूरी मांगी है. पढ़ें पूरी खबर....

Adani Transmission
अडाणी ग्रुप

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Published : May 16, 2023, 10:05 AM IST

नई दिल्ली :हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से धाराशाही हुई अडाणी ग्रुप रिकवरी करने की कोशिश कर रही है. निवेशकों के खोए हुए भरोसे को पाने के लिए कंपनी लगातार जद्दोजहद कर रही है. इसी कड़ी में अडाणी ग्रुप अपने 2 कंपनियों के शेयर बेचकर 21,000 करोड़ रुपये जुटाएगी. जिसके लिए अडाणी ट्रांसमिशन के 8,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं, अडाणी एंटरप्राइजेज के 12,500 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेची जाएगी.

अडाणी ग्रुप ने Adani Transmission और Adani Enterprises के शेयर बेचने के लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है. शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में दी गयी सूचना के अनुसार कंपनी ने पात्र संस्थागत नियोजन आधार पर Equity Share या अन्य पात्र प्रतिभूति जारी कर 8,500 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिये शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है. आपको बता दें कि इस हफ्ते अडाणी एंटरप्राइजेज का मार्केट कैप 2.24 लाख करोड़ रुपये रहा. अडाणी ट्रांसमिशन का मार्केट कैप 98,700 करोड़ रुपये के करीब रहा.

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कंपनी के निदेशक मंडल की 13 मई, 2023 को हुई बैठक में 10 रुपये अंकित मूल्य के इक्विटी शेयर या शेयर में बदले जाने वाले प्रतिभूति जारी कर कोष जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अडाणी ट्रांसमिशन ने कहा कि उसे मौजूदा परिचालन में वृद्धि के अवसर दिख रहे हैं. कंपनी नई परियोजनाओं और विलय एवं अधिग्रहण के जरिये वृद्धि का अवसर देख रही है. सूचना के अनुसार इस वृद्धि और विस्तार के लिये कंपनी को पूंजी की जरूरत है.

इक्विटी शेयरधारक के अधिकार - एक इक्विटी शेयर, जिसे आम तौर पर साधारण शेयर के रूप में जाना जाता है, एक आंशिक स्वामित्व होता है, जहां प्रत्येक सदस्य एक आंशिक मालिक होता है और एक व्यापारिक चिंता से संबंधित अधिकतम उद्यमशीलता की जिम्मेदारी शुरू करता है. किसी भी संगठन में इस प्रकार के शेयरधारकों के पास वोट देने का अधिकार होता है. कंपनी बंद होने पर ही इसे दिया जाता है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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